मथुरा। श्रीकृष्ण-जन्मस्थान के पवित्र परिसर में परंपरागत रूप से आयोजित होने वाले शरद पूर्णिमा महोत्सव की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है।
इस संबंध में जानकारी देते हुये संस्थान के संयुक्त मुख्य अधिशाषी राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि विभिन्न धार्मिक ग्रन्थों, श्रुति स्मृतियों एवं संतों के मुख से ठाकुरजी की परमप्रिय और रसिक हृदय को मोह लेने वाली महारास लीला एवं गोपी गीत के प्राकट्य के परम पुनीत दिवस शरद् पूर्णिमा (20 अक्टूबर) के अवसर पर श्रीकृष्ण-जन्मस्थान स्थित भगवान श्रीकेशवदेवजी के संपूर्ण मंदिर को चन्द्रलोक के स्वरूप में सजाया जायेगा।
श्रीकृष्ण चबूतरा पर ठाकुरजी की महारास लीला का सुन्दर प्रस्तुतिकरण किया जायेगा।
महारास लीला का समापन श्रीगर्भगृह के शिखर के समीप अवस्थित श्रीकृष्ण चबूतरा पर रात्रि 11 बजे महाआरती के साथ संपन्न होगा। इस अवसर पर संपूर्ण मंदिर प्रांगण को आकर्षक विद्युत सजावट से सुन्दर रूप दिया जायेगा।
शरद महोत्सव के अवसर पर 20 अक्टूबर को प्रातः से ही साधुसेवा-प्रसादी वितरण का आयोजन किया जा रहा है जिसमें भक्तजन ठाकुरजी के अलौकिक प्रसाद को प्राप्त कर सकेंगे। सायंकाल 5 बजे श्रीगिरिराज जी मंदिर में ठाकुरजी के छप्पनभोग के मध्य दर्शन होंगे।
श्रीकृष्ण-जन्मस्थान सेवा-संस्थान के तत्वावधान में श्रीकृष्ण सेवा मण्डल, जन्मस्थान मथुरा के द्वारा दिनांक 20 अक्टूबर 2021 बुधवार को शरद पूर्णिमा महोत्सव का शुभारम्भ प्रातः 8.30 बजे जन्मस्थान प्रांगण में स्थित श्रीगिरिराज जी के पंचगव्य अभिषेक से होगा।
इसके उपरान्त दोपहर 11. 30 बजे से जन्मस्थान पर प्रसादी-भण्डारे का आयोजन किया जायेगा। भजन गायक ब्रजरस रसिक पारस लाड़ला एवं ब्रज के अन्य रसिकजन सायं 7 बजे से 10 बजे तक रसमय भजन-गायन का प्रस्तुतीकरण श्रीकृष्ण चबूतरा पर करेंगे।
तदोपरान्त श्री राहुल दास बिहारी द्वारा निर्देशित दिव्य महारास का मंचन होगा। रात्रि 11 बजे श्रीगिरिराज जी की महाआरती होगी, इस हेतु श्रद्धालुओं का प्रवेश रात्रि 11 बजे तक होगा।
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