नई दिल्ली में सियासत के साथ इंसानी जज़्बात भी काफी गर्म है। दिल्ली के कैंट शमशान घाट की घटना में पीड़ित परिवार से कल चंद्रशेखर रावण के मुलाकात के बाद सियासी हडकम्प मच गया है। इसी कड़ी में आज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सांसद राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने पीड़ित परिवार से मुलकात कर हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है। ये बाते आपको शायद नार्मल लगेगी। हाथरस से लेकर दिल्ली तक ऐसी घटनाओं में सियासत से जुड़े लोगो का पीड़ित परिजनों से मिलना आपको सियासी भले लगे, मगर कंधे पर एक हाथ किसी का आने से जो सबल मिलता है वह शब्दों में बयां नही किया जा सकता है।
हम पहले आपको पुलिस द्वारा दिली जानकारी को बताते है। डीसीपी के मुताबिक बीती रविवार शाम करीब साढ़े पांच बजे श्मशान घाट के पास अपने माता-पिता के साथ रहने वाली बच्ची श्मशान घाट के वाटर कूलर से पानी लेने गई थी। शाम करीब छह बजे पुजारी और परिवार के परिचित तीन लोगों ने लड़की की मां को फोन किया और बच्ची का शव दिखाया। उन्होंने दावा किया कि कूलर से पानी पीने के दौरान बिजली का करंट लगने से लड़की की मौत हो गई। उन्होंने उसकी कलाई और कोहनी पर जलने के निशान भी दिखाए, उन्होंने यह दावा किया कि सदमे के कारण उसके होंठ नीले हो गए थे। इसके अलावा उन्होंने घटना की जानकारी पुलिस को देने से मना ये कहकर कर दिया कि पुलिस जानेगी तो पोस्टमार्टम करवाएगी और डाक्टर बच्ची के शरीर का अंग निकाल कर बेच देंगे। और फिर इन्ही चार लोगो ने बच्ची का अंतिम संस्कार कर दिया।
पुलिस के मुताबिक रविवार रात करीब 200 ग्रामीण श्मशान घाट पहुंचे और सोमवार शाम तक धरना दिया और मांग किया कि गिरफ्तार लोगों पर बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया जाए। लड़की के परिवार को न्याय दिलाने की मांग को लेकर सोमवार को कुछ राजनेता भी धरने में शामिल हुए। दिल्ली के महिला एवं बाल विकास मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने भी सोमवार शाम पीड़ित परिवार से मुलाकात की और परिवार को आर्थिक और कानूनी सहायता देने का वादा किया। दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 376 और 506 के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम और एससी / एसटी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
अब बात करते है गिरफ्तारियो की। गिरफ्तार लोग कहे अथवा फिर उनको राक्षस कहे कोई फर्क नही पड़ता है। गिरफ्तार लोगो में शमशान का पुजारी राधेश्याम मुख्य है। उसका साथी लक्ष्मी नारायण, सलीम और कुलदीप को पुलिस ने हिरासत में लिया है। नामो में आप मज़हब तलाश रहे होंगे। बेशक आप मज़हब तलाश करे। मगर ध्यान दे कि राक्षस का भी कोई मज़हब नहीं होता है। घटना के बाद कुछ लोगो का दावा है कि उन्होंने चिता पर पानी डालकर आग को बुझाया था। लेकिन उस वक्त तक शव का आधा हिस्सा जल चूका था। बताया जाता है कि अब पुलिस आधे शव का पोस्टमार्टम करवाएगी। पुलिस का मानना है कि घटना रविवार शाम 5:30 बजे से शाम 6 बजे के बीच की है। पुलिस द्वारा मामले की जाँच किया जा रहा है।
रावण भी शर्मिंदा है, ऐसे राक्षस अभी तक धरती पर जिन्दा है
कल देर रात रावण हमारे सपनो में आ गया। वही ठहाका था जो शायद वो अपने जीवन में लगाता होगा। मगर इस बार उसके होठो पर हसी नही बल्कि संजीदगी थी। बड़ा शर्मिंदा नज़र आ रहा था। हमने उसकी संजीदगी का सबब पूछा तो लगभग रोता हुआ बोला कि धरती पर मुझसे बड़ा कोई पापी नही था ऐसा लोग कहते है। मगर आज देखो न शमशान की मुक्ति भूमि पर भगवान की पूजा करवाने वाले ने क्या किया है ? बस एक इल्तेजा है कि तुम अपने शब्दों में उसको रावण न कह देना। ठीक है मैं पापी था। घोर पापी था। मगर ऐसा तो नही था। आज मैं भी शर्मिंदा हु कि मेरे मारे जाने के इतने हज़ार वर्ष बाद भी ऐसे राक्षस इस धरती पर है।
उस राक्षस का कर्म था कि मुक्ति स्थल पर पूजा करवाना, उस राधेश्याम ने अपने नाम को भी बदनाम कर डाला। उस लक्ष्मीनारायण को तो देखो। नाम कितना सुन्दर है और कर्म पापी ने ऐसा किया है कि नरक में राक्षस भी हड़ताल की बात कह रहे है कि कोई ऐसे पापी को राक्षस न कहे वरना हम सब हड़ताल कर देंगे। उस सलीम को देखो, नाम की भी लाज नही रखा और यजीद से बुरा काम कर डाला। उस कुलदीप के कर्मो को देखो, ऐसे कुल का दीप होता है तो बेहतर है कि मेरा कुल ही खत्म हो गया। लानत भी तो नही भेज सकता हु ऐसे पापियों पर।
हम रावण के दर्द को समझ सकते है। वो मासूम बच्ची तो प्यासी थी। ठंडा पानी पीने की तलब थी उस मासूम को। उसको क्या पता था कि जिस पुजारी का वह पैर छूती है वही पुजारी इतना गन्दा है कि गन्दगी भी उसके आगे शर्मिंदा हो जाए। वो मासूम तो पानी से अपनी प्यास बुझाने आई थी। ये दरिंदो ने उसकी ज़िन्दगी ही खत्म कर डाला। इन पापियों को ये भी नही अहसास था कि वो मासूम बच्ची है। उसके साथ ये जो कर रहे है उसके बारे में वह जानती भी नही होगी। मगर इन पापियों के ऊपर तो हैवानियत सवार थी। ऐसे पापियों को जल्द से जल्द कानूनी कार्यवाही पूरी कर फांसी की सज़ा बीच चौराहे पर होनी चाहिए जिससे और लोग भी इबरत हासिल कर सके। इनकी हरकतों से हर एक रावण भी शर्मिंदा है। इब्लीस तक इनके ऊपर लानत भेज रहा होगा।
-तारिक आज़मी