नेमिनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन डॉ. प्रदीप गुप्ता ने लक्षणों क आधार पर दवाइयां भी सुझाईं
आगरा। नेमिनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर, कुबेरपुर, आगरा के चेयरमैन डॉ. प्रदीप गुप्ता ने कहा है कि कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमीक्रोन से घबराने की जरूरत नहीं है। होम्योपैथी में वायरस का इलाज है, भले ही उसका कोई भी वैरिएंट हो। उन्होंने लक्षणों के आधार पर दवा का भी निर्धारण करते हुए जानकारी का खुलासा किया है।
डॉ. प्रदीप गुप्ता ने बताया कि टीम नेमिनाथ ने होम्योपैथी से कोविड-19 का सफलतापूर्वक इलाज किया है। बिना मास्क, पीपीई किट, ग्लव्स के मरतों को बचाया है। किसी भी होम्योपैथ के लिए ओमीक्रोन ‘नई बोतल में पुरानी शराब’ की तरह है। होम्योपैथी में इलाज लक्षणों के आधार पर होता है। ओमीक्रोन वैरिएंट के जो लक्षण अभी तक सामने आए हैं, उनके अनुसार ब्रायोनिया अल्बा से मरीज तीव्र गति के साथ स्वस्थ होगा। लक्षणों के आधार पर अन्य दवाओं की भी आवश्यकता हो सकती है।
आर्सेनिक अल्बमः हालत तेजी से बिगड़ना, पीड़ा, मृत्यु का भय, बेचैनी, चिड़चिड़ापन, चिन्ता, अचानक कमजोरी और बार-बार पानी की प्यास लेकिन थोड़ी मात्रा में।
एंटीमोनियम टार्टरिकमः बहुत अधिक थका हुआ महसूस होना, नींद आना, गैसपिंग, कोमाटोज, पानी पीने की कोई इच्छा नहीं।
फास्फोरसः खूनी बलगम, सामान्य जलन, दबाव द्वारा सीने में तेज दर्द, उदासीनता, धीमी गति से उत्तर देना, ठंडा-रसदार-ताजा पेय की इच्छा।
जेल्सेमियमः बहुत ज्यादा शांत, बात करने की इच्छा नहीं, नाड़ी धीमी, मांसपेशियों में समन्वय की कमी।
डॉ. प्रदीप गुप्ता ने बताया कि इसके अलावा कुछ अन्य दवाइयां भी उपयोगी हो सकती हैं, जैसे- हेपर सल्फ, अर्निका, रसटॉक्स, मर्कसोल आदि। कोरोना वायरस की पहली और दूसरी लहर में नेमिनाथ हॉस्पिटल ने सिद्ध कर दिया है कि होम्योपैथी ही सभी वायरल बीमारियों में रामबाण है। कोई लक्षण आता है तो निकटस्थ होम्योपैथ से संपर्क करें। नेमिनाथ हॉस्पिटल तो सेवा के लिए तत्पर है ही।
-up18 News
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