मुबई: हर अभिनेता को एक भूमिका के लिए तैयार होने का एक अलग तरीका होता है। जबकि हमने अक्सर सुनना है की अभिनेताओं के लिए महत्वपूर्ण होता है की वह चरित्र से जुड पाए, अयूब खान का मानना है कि यह हमेशा आवश्यक नहीं है। अयूब खान वर्तमान में दंगल टीवी के शो रंजू की बेटियां में एक नेगेटिव किरदार निभा रहे हैं। उनका कहना है कि एक अभिनेता को समाज के लोगों के विभिन्न चरित्रों को समझना सबसे महत्वपूर्ण है।
इस विषय पर और बात करते हुए, अयूब कहते हैं, “एक अभिनेता को हमेशा विभिन्न विचारों, लोगों के विभिन्न पात्रों को समझने में सक्षम होना चाहिए और जीवन और समाज के विभिन्न पहलुओं को समझने की क्षमता होनी चाहिए। यदि कोई अभिनेता इस से सक्षम नहीं है, तो दर्शक उस चरित्र को समझ नहीं पाएंगे जो वह निभा रहा है। एक अभिनेता को हमेशा समाज और अपने आसपास के लोगों से सीखना और समझना चाहिए। इस विचार का उपयोग मुझे अपने दृष्टिकोण में मदद करता है और उस किरदार के तरह व्यवहार करने में मदद करता है जो मैं वास्तविक जीवन में नहीं हूं।
और जब हमने पूछा कि उन्होंने अपने वर्तमान चरित्र, गुड्डू मिश्रा में इसका उपयोग कैसे किया है, तो उन्होंने कहा, “गुड्डू मिश्रा का चरित्र अल्फ़ा पुरुष गुणों को दर्शाता है या कुछ दृश्य में हिपॉक्रितिकल है। यह ऐसे चीज़े है जो मेरे लिए वास्तविक जीवन में समझ के बाहर है। इसलिए मैं कोशिश करता हूं कि मैं उन लोगों के बारीमे सोचू जिन्हें मैं शायद जानता हूं या उनसे बातचीत की है। मेरा किरदार निभाते हुए उनके गुणों का इस्तेमाल करता हूं। जब गुड्डू मिश्रा को एक ऐसा रवैया अपनाना पड़ता है, जो मेरे व्यक्तिगत चरित्र के खिलाफ हो जाता है, तब मैं अपने सामान्य ज्ञान से गुणों को चुनता हूं। यह चरित्र और प्रदर्शन के लिए और अधिक पहलुओं को बनाने की क्षमता आसान कर देता है।
अयूब को इंडस्ट्री में अब 25 साल से ज्यादा हो गए हैं और निश्चित रूप से यह उनका अनुभव है। उन्होंने विभिन्न किरदार निभाए हैं और वे प्रत्येक भूमिका की बारीकियों को पहचानना जानते हैं। शायद यही एक बड़ा कारण है कि गुड्डू जी के किरदार को दर्शकों का अपार प्यार मिल रहा है।
रंजू की बेटियां एक मां, रंजू की दिल को छू लेने वाली और एक पितृसत्तात्मक समाज में 4 बेटियों की परवरिश का उनका संघर्ष की कहानी है। देखे रंजु की बेटीया रात 9.30 बजे केवल दंगल टीवी पर।
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