इन दिनों रॉ फूड यानी कच्ची चीजें खाना सबसे पॉपुलर डायट ट्रेंड में से एक हो गया है। फिर चाहे वजन घटाना हो या फिर फिट रहना, ज्यादातर लोग कच्ची चीजें खाना पसंद करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है इसमें फाइबर और पोषक तत्वों की मात्रा अधिक होती है और कैलरीज कम लेकिन आयुर्वेद ऐसा नहीं मानता। आयुर्वेद के मुताबिक कच्चा खाना नहीं खाना चाहिए, यहां जाने इसके पीछे की वजह।
क्या कहता है आयुर्वेद
आयुर्वेद की मानें तो आपको सिर्फ फल, नट्स और सलाद ही कच्चा खाना चाहिए। इसके अलावा बाकी जितनी भी खाने की चीजे हैं और फूड आइटम्स हैं उन सभी को पकाकर ही खाना चाहिए। प्राचीन भारतीय मेडिकल सिस्टम की मानें तो खाने को पकाकर खाने से शरीर को 2 तरह से फायदा होता है।
पहला- गर्म खाना आपके गट यानी आंत में ब्लड फ्लो को बढ़ाता है जिससे पाचन की प्रक्रिया बेहतर होती है।
दूसरा- पका हुआ खाना पेट में आसानी से टूट जाता है जिससे भोजन के पोषक तत्व शरीर द्वारा आसानी से अब्जॉर्ब हो जाते हैं।
साइंस इस बारे में क्या कहता है
सिर्फ आयुर्वेद ही नहीं, साइंस भी इस दावे का समर्थन करता है। इस बारे में बहुत सी रिसर्च हो चुकी हैं जिनमें यह बात साबित हो चुकी है कि पका हुआ भोजन कच्चे भोजन से कहीं ज्यादा फायदेमंद होता है।
पानी में पका भोजन है फायदेमंद
एक स्टडी की मानें तो पानी में पके हुए भोजन में एंटीऑक्सिडेंट कॉन्टेंट अधिक होता है। इसके अलावा कच्ची सब्जियां अगर कोई खाए तो उसे पचाना बेहद मुश्किल होता है जिससे पेट में कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं।
कच्चा सलाद खाने से पहले ये सावधानी बरतें
इसका मतलब ये नहीं कि आप कच्ची चीजें खाना बिलकुल बंद कर दें। लेकिन सतर्कता बरतना जरूरी है। अगर आप स्प्राउट्स खा रहे हैं तो उन्हें कच्चा खाने की बजाए उबालकर खाएं। सलाद को कच्चा खाने से पहले हल्का से गुनगुना कर लें खासकर सर्दी के मौसम में।
ऐसा इसलिए क्योंकि सर्दियों की तुलना में गर्मियों में हमारा पाचन तंत्र ज्यादा मजबूत रहता है।
मॉनसून के सीजन में भूल से भी न खाएं
बारिश के मौसम में तो कच्ची चीजें भूल से भी न खाएं। इस दौरान बैक्टीरियल और वायरल इफेक्शन्स ज्यादा फैला रहता है और आपके बीमार पड़ने की आशंका अधिक रहती है। सब्जियों को अच्छे से धोकर और पकाकर खाने से वे सेफ हो जाती हैं और बीमारियों का डर नहीं रहता।
-एजेंसियां
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