वैश्विक स्तर पर, स्वास्थ्य विज्ञान की प्रगति को सहारा देने में मानव चेतना की भूमिका की स्वीकार्यता बढ़ रही है। बॉस्टन में हार्वर्ड मेडिकल स्कूल से संबद्ध बेथ इज़राएल डीकोनेस मेडिकल सेंटर Beth Israel Deaconess Medical Center (BIDMC) ने इस दिशा में खोज करने का एक साहसिक कदम उठाया है कि मानव चेतना को बढ़ाने से उपचार और स्वास्थ्य लाभ में कैसे वृद्धि हो सकती है।
BIDMC के एनेस्थीसिया, क्रिटिकल केयर और दर्द औषधि विभाग ने ‘सचेतन पृथ्वी के लिए सद्गुरु केंद्र’ की स्थापना की है। इसका उद्देश्य मरीजों और विस्तृत समुदाय के स्वास्थ्य को चेतना, बोध और करुणा के तीन जुड़े हुए क्षेत्रों में वैज्ञानिक अनुसंधान के जरिए सुधारना है। BIDMC का लक्ष्य आंतिरिक खुशहाली की टेक्नालजियों को सिखाना और हर इंसान को उसकी क्षमता के शिखर तक उठाना है। वैज्ञानिक साधनों का इस्तेमाल करके, केंद्र के शोध और वर्तमान नैदानिक अध्ययन, ध्यान के अभ्यास और शारीरिक बदलाव के बीच संबंध स्थापित करने पर केंद्रित हैं। यह पहल, वैश्विक मंच स्थापित करने के सद्गुरु के लक्ष्य का एक हिस्सा है, जो एक सचेतन पृथ्वी बनाने की दिशा में यात्रा को तेज करने के लिए व्यक्तिगत मानव चेतना को बढ़ाएगा।
‘यह अनोखा केंद्र चिकित्सकीय और चिंतनशील विज्ञान को साथ लाने के लिए एक वैज्ञानिक तरीके को इस्तेमाल करेगा। इससे हमारे मरीजों, पोषणकर्ताओं और समुदाय के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने और उन्नत बनाने के तरीकों को पहचानने में मदद मिलेगी,’ सचेतन पृथ्वी के लिए सद्गुरु केंद्र के निदेशक, बाल सुब्रामनियम, एमडी, एमपीएच, ने कहा।
‘हार्वर्ड मेडिकल स्कूल से संबद्ध बेथ इज़राएल डीकोनेस मेडिकल सेंटर ने यह खोज करने के लिए ‘सचेतन पृथ्वी के लिए सद्गुरु केंद्र’ की स्थापना की है कि उपचार में वृद्धि करने के लिए चेतना, बोध और करुणा को कैसे काम में लाया जा सकता है। हम इस केंद्र के साथ जुड़कर उत्साहित और प्रसन्न हैं,’ ईशा फाउण्डेशन ने ट्वीट किया।
केंद्र के शोध-
(1) मानव चेतना, बोध और करुणा की समझ का विस्तार करने;
(2) बोध हृास को कम करने और सर्जरी और नाजुक बीमारी के बाद स्वास्थ्य लाभ को तेज करने;
(3) खुशहाली को बढ़ाने के लिए ध्यान की तकनीकों के इस्तेमाल;
(4) दूसरे क्षेत्रों के साथ सहयोग बढ़ाने व
(5) सर्वश्रेष्ठ अभ्यासों के बारे में समुदाय को शिक्षित करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
सचेतन पृथ्वी के लिए सद्गुरु केंद्र वैज्ञानिक शोधकर्ताओं, अनुभवी ध्यानकर्ताओं, मेडिकल, चिंतनशील विज्ञान, और दूसरे क्षेत्रों के विशेषज्ञों को एक साथ लाएगा। उनके परिणामों के आधार पर, केंद्र का लक्ष्य स्वास्थ्य कर्मियों, मरीजों, और जनता के लिए, बोध और खुशहाली को सुधारने के लिए, ध्यान की तकनीकों की भूमिका के बारे में शिक्षण कार्यक्रम विकसित करने का है।
साभार -Legend News