अनूठा कलाकार जो अपनी पेंटिंग के जरिए करता है शासन-प्रशासन को जागरूक

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कभी वह शहर के गड्ढों पर मगरमच्छ की आकृति बनाते हैं तो कभी वे दूसरी तरह की पेंटिंग बनाते हैं. ख़ास बात ये है कि वो हमेशा समकालीन मुद्दों को ध्यान में रखते हुए अपनी कला का नमूना पेश करते हैं.

baadal nanjundaswamy बीते कई सालों से बंगलुरु शहर की समस्याओं को लेकर अलग-अलग ढंग से अपनी आवाज़ उठाते रहे हैं.

इस बार उन्होंने जब अंतरिक्ष यात्री के रूप में बंगलुरु की सड़कों पर मूनवॉक वाला वीडियो बनाया तो सोशल मीडिया पर ये वीडियो वायरल हो गया.

जैसे कि इस बार चंद्रयान 2 मिशन को ध्यान में रखते हुए उन्होंने शहर के गढ्ढों में मून वॉक का वीडियो बनाया. जवाब में बंगलुरु नगरपालिका ने भी इस जगह गढ्ढों को भर दिया. इससे पहले एक बार वह सड़क पर मगरमच्छ बना चुके हैं.

बादल बताते हैं कि “कुछ समय पहले मुझे किसी ने बताया कि एक जगह पर बहुत बड़ा गड्ढा है जिसमें लोग गिर रहे हैं. जब मैं इस जगह गया तो मैंने एक व्यक्ति को देखा जो कि गड्ढे में गिरे हुए लोगों को उठा रहा था.

इसके बाद मैंने इस जगह पर पुष्पाजंलि की पेंटिंग बनाई.

इस पेंटिंग की तस्वीरें सोशल मीडिया पर जारी होने के एक दिन बाद बंगलुरु नगरपालिका के अधिकारियों ने इस गड्ढे को भर दिया लेकिन बादल हर रोज़ ऐसा नहीं करते.

अब से लगभग चार साल पहले उन्होंने एक गड्ढे पर प्लास्टर ऑफ पेरिस से बना हुआ मगरमच्छ रखा था. इसके बाद इस कृति की तस्वीर भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. बंगलुरु नगरपालिका ने भी तुरंत प्रतिक्रिया दी.

बादल बताते हैं, “बंगलुरु नगरपालिका मुझसे संपर्क नहीं करती है. मैं भी उनसे बात नहीं करता हूं लेकिन वो हमेशा आकर सड़क के गड्ढे भर देते हैं. मैंने अब तक पचास गड्ढों पर ऐसी कलाकृतियां बनाई होंगी और बंगलुरु नगरपालिका ने हर बार अपना काम किया है.”

फ़ोटो जर्नलिस्ट अनंत सुब्रमण्यम कहते हैं, “ये बादल का ही कॉन्सेप्ट है. वो सारा काम रात में करते हैं. अब से एक महीने पहले उन्होंने मुझ से इस बारे में चर्चा की थी. इसके बाद हमें ये रोड होरीहल्ली इलाके में मिल गई.”

“वो अपने दोस्त और एक्टर पुरनाचंद्र मैसूर के साथ आए जो कि एस्ट्रोनॉट की तरह कपड़े पहने हुए थे.

उन्होंने गड्ढे में अंतरिक्ष यात्री की तरह चलकर दिखाया. मैंने ये वीडियो शूट किया.” दूसरे तमाम गड्ढों की तरह बंगलुरु नगरपालिका ने इस गड्ढे को भी अगले दिन भर दिया. इसके बाद बादल ने भी ट्वीट करते हुए बंगलुरु नगरपालिका का शुक्रिया अदा किया.

चामराजेंद्र एकेडमी ऑफ विजुअल आर्ट्स से ग्रेजुएट बादल ने एक बड़ी कंपनी के साथ विजुअलाइज़र और आर्ट निदेशक के रूप में काम किया है. वह कई ब्रांड्स के लिए लोकप्रिय विज्ञापन बनाने में भी जुटे रहे हैं. इनमें से एक कलाकृति बंगलुरु की सड़कों पर बीते 12 सालों से लगी हुई है.

लेकिन बादल मानते हैं कि उनकी सबसे बेहतरीन डिज़ाइन मगरमच्छ वाली थी जिसने उत्तरी बंगलुरु के लोगों का सड़क के गड्ढों की ओर ध्यान खींचा. वह काफ़ी चर्चित कन्नड़ फिल्मों जैसे लूसिया, यू-टर्न और प्रकृति के भी आर्ट निदेशक रहे हैं.

अनंत सुब्रमण्यम बताते हैं, “वह अपने बारे में बात करने में सहज नहीं हैं. उनका काम ही उनके बारे में बात करता है. और बंगलुरु की सड़कें भरवाना उनका शौक नहीं है. वह इस तरह से समाज को अपनी ओर से कुछ देना चाहते हैं. इसी वजह से वह इस तरह की कलाकृतियां बनाते हैं.”

-BBC


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