कोयंबटूर। अगस्त्य जयंती के अवसर पर 26 दिसंबर 2021 को काशी विश्वनाथ मंदिर के सात पुजारी कोयंबटूर में ईशा योग केंद्र में सप्तऋषि आरती संचालित करेंगे। इस शक्तिशाली प्रक्रिया को शिव ने अपने सात शिष्यों, सप्तऋषियों को हजारों साल पहले सिखाया था। इसे वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों के द्वारा अपने शुद्धतम रूप में कायम रखा गया है और यह एकमात्र अवसर है जब यह आरती काशी विश्वनाथ मंदिर के बाहर प्रस्तुत की जाती है।
ईशा फाउण्डेशन के संस्थापक, सद्गुरु समझाते हैं कि जब आदियोगी ने सप्तऋषियों से दुनिया में बाहर जाकर उनके संदेश को फैलाने को कहा, तब वे दुखी हो गए कि वे उन्हें फिर कभी नहीं देख पाएंगे। उन्होंने उनसे पूछा, ‘हम आपकी उपस्थिति को अपने साथ कैसे रख सकते हैं?’ इस अनुरोध को स्वीकार करके आदियोगी ने उन्हें ‘सप्तऋषि आरती’ सिखाई, जो शिव की कृपा को प्राप्त करने का एक शक्तिशाली तरीका है।
2017 से, यह प्रक्रिया हर साल ईशा योग केंद्र में की जाती है। इसकी शुरुआत सद्गुरु की काशी विश्वनाथ मंदिर की यात्रा से हुई, जहां उनका इस आरती का पहला अनुभव बहुत शक्तिशाली था। आरती को ऊर्जा के एक शक्तिशाली अंबार को खड़ा करने की एक विधि के रूप में बताते हुए, वे कहते हैं, ‘यह एक टेक्नॉलॉजी है। इस मंदिर में उस 45 मिनट से एक घंटे में उन्होंने जो ऊर्जा पैदा की वह जबरदस्त थी। कहीं भी पुजारियों के द्वारा की गई पूजा में मैंने कभी ऐसी कोई चीज नहीं देखी है।’
यह प्रक्रिया आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर जाने को दर्शाती है, जो शीतकालीन संक्रांति के दौरान होता है। यह पूजा हमें उस पवित्र प्रक्रिया में भाग लेने का अवसर प्रदान करती है जो काशी विश्वनाथ मंदिर में हजारों साल से की जा रही है। यह प्रक्रिया कल शाम 6:30 पर ऑनलाइन दिखाई जाएगी। प्रतिभागी आरती में शामिल होने के लिए यहां क्लिक करके शामिल हो सकते हैं।
-agency
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