मथुरा। गीता जयंती महोत्सव समिति की सरस्वती शिशु मंदिर दीनदयाल नगर पर आयोजित हुई बैठक में आगामी 25 दिसम्बर को गीता जयंती पर होने वाले कार्यक्रमों की तैयारियों के संदर्भ में चर्चा की गई।
समिति के संयोजक संजय लवानियाँ की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में विभिन्न स्तर पर मनाये जाने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई जिसके अंतर्गत जगह-जगह हवन, पूजन,गीता पाठ, संगोष्ठी व शाम को प्रत्येक घर में 18 गोमय दीपक जलाए जायेंगे।
इसके अलावा युवाओं के लिये सेल्फी विद गीता, व चुनिंदा विद्वानों द्वारा वेबिनार व अन्य माध्यमों से सोशल मीडिया पर भी जोर-शोर से गीता जयंती मनाने की तैयारी है।
कब मनाई जाती है गीता जयंती
ब्रह्मपुराण के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को दिया था। इसलिये इस दिन को गीता जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हिंदू धर्म के अनुयायी श्रीमद्भगवद् गीता का पाठ करवाते हैं। वर्तमान में गीता की लोकप्रियता वैश्विक स्तर पर होने लगी है, विभिन्न भाषाओं में इसके अनुवाद से पूरी दुनिया में गीतोपदेश की स्वीकार्यता मानवता के उद्धारक, कल्याणकारी ग्रंथ के रूप में होने लगी हैं।
इसके अलावा समिति के सदस्यों द्वारा सभी सामाजिक, धार्मिक व अन्य संगठनों से भी संपर्क कर उन्हें भी कार्यक्रम के लिये आग्रह करने के लिये कल से ही अभियान शुरू किया जायेगा।
बैठक में प्रमुख रूप से अनुराग चतुर्वेदी, विवेक चौधरी, आचार्य देवव्रत, नट्टू पंडित, गौरव चौधरी, स्वाध्याय परिवार से आशीष चौधरी, हरिओम सिकरवार, राहुल शर्मा, अनुज चौधरी, अरुण कुमार, लव चतुर्वेदी, संचालन चौ0 प्रेमसिंह ने किया।
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