शरीर के अंदर पाए जानेवाले फ्री रेडिकल्स के बारे में आप अक्सर सुनते या पढ़ते होंगे। खासतौर पर हेल्थ संबंधी कोई भी आर्टिकल जब आप देखते हैं तो आपको उसमें फ्री रेडिकल्स से जुड़ी बातें अक्सर देखने को मिलती होंगी।
आइए, आज जानते हैं आखिर ये फ्री रेडिकल्स शरीर के अंदर कैसे बनते हैं और किस प्रकार के नुकसान हमारे शरीर को पहुंचाते हैं। इसके साथ ही यह भी जानेंगे कि इन रेडिकल्स के कारण होने वाले नुकसान को हम कैसे कम कर सकते हैं।
क्या होते हैं फ्री रेडिकल्स?
-फ्री रेडिकल्स एक तरह की सिंगल सेल कोशिकाएं होती हैं। ये एकल कोशिकाएं युग्म बनाने की लगातार कोशिश करती हैं। शरीर की अन्य कोशिकाओं की तुलना में ये कहीं अधिक आक्रामक (अटैकिंग मोड में रहने वाली) होती हैं इसलिए युग्म बनाने की कोशिश के दौरान ये लगातार शरीर की अन्य स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती रहती हैं।
क्यों बनते हैं फ्री रेडिकल्स?
-फ्री रेडिकल्स के बनने की प्रक्रिया प्राकृतिक है। भोजन के पाचन के दौरान, जब विघटन की क्रिया होती है तो इन मुक्त कणों का उत्पादन होता है। आप इन्हें पाचन के दौरान निकलने वाले अपशिष्ट भी कह सकते हैं।
-इस प्रक्रिया के अतिरिक्त जंक फूड अधिक खाने से, स्मोकिंग करने से, लंबे समय तक केमिकल्स के बीच रहने से भी शरीर के अंदर फ्री रेडिकल्स के बनने की प्रक्रिया बढ़ जाती है।
बढ़ जाती है ऑक्सीडेशन की प्रक्रिया
-शरीर के अंदर फ्री रेडिकल्स के कारण लगातार कोशिकाओं के चोटिल होने से त्वचा में ऑक्सीडेशन की प्रक्रिया बढ़ जाती है। साधारण भाषा में आप इसे इस तरह समझ सकते हैं कि शरीर और खासतौर पर त्वचा तेजी से बूढ़ी होने की तरफ बढ़ने लगती है।
फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाली दिक्कतें
-त्वचा को भारी नुकसान पहुंचाने के अतिरिक्त फ्री रेडिकल्स शरीर के तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम)
-कार्डियोवस्कुलर सिस्टम (हृदय की कार्य प्रणाली)
– रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) और कई दूसरे टिश्यूज को नुकसान पहुंचाते हैं
फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाले रोग
-फ्री रेडिकल्स की समस्या बहुत अधिक बढ़ जाए तो कई घातक रोग घेर सकते हैं। इनमें मानसिक विकार भी शामिल हैं।
जैसे, अल्जाइमर और डिमेंशिया का खतरा
-त्वचा संबंधी रोग होना
-त्वचा में बूढ़ापन बढ़ना
-शुगर का बढ़ना
-कैंसर होना
-बाल तेजी से झड़ना इत्यादि
कैसे कम करें खतरा?
-फ्री रेडिकल्स के दौरान शरीर को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए आप अधिक से अधिक समय शुद्ध हवा में रहने का प्रयास करें और सही भोजन करें। इसके साथ ही विटामिन-ई युक्त भोज्य पदार्थों का सेवन जरूर करें।
-क्योंकि विटामिन-ई एक ऐसा विटामिन है जो फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाले नुकसान की बहुत तेजी से भरपाई करता है। इसके साथ ही इन मुक्त कणों को शरीर के अंदर बेअसर करने का कार्य भी करता है।
-एजेंसियां