योगी ने पहले ही कही थी सुप्रीम कोर्ट जाने की बात
हाई कोर्ट का आदेश आने के बाद ही योगी सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का रुख करने की बात कही थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सरकार नगर निकाय सामान्य चुनाव के परिप्रेक्ष्य में आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराएगी, और बाद में सरकार ने आयोग का गठन भी किया।
योगी ने कहा था कि OBC आरक्षण होने के बाद ही नगर निकाय चुनाव सम्पन्न कराया जाएगा। योगी सरकार ने तब कहा था कि जरूरत पड़ी तो फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे, और आज सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी भी डाल दी।
योगी सरकार पर लगातार हमले बोल रहा है विपक्ष
अदालत का फैसला आने के बाद विपक्षी दलों ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला था। समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने ट्वीट किया था कि ‘भाजपा निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के विषय पर घड़ियाली सहानुभूति दिखा रही है। आज भाजपा ने पिछड़ों के आरक्षण का हक़ छीना है, कल भाजपा बाबा साहब द्वारा दिए गए दलितों का आरक्षण भी छीन लेगी।’
वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा था, ‘उत्तर प्रदेश सरकार को उच्चतम न्यायालय के निर्देश का पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से अनुपालन करते हुए ट्रिपल टेस्ट द्वारा ओबीसी आरक्षण की व्यवस्था को समय से निर्धारित करके चुनाव की प्रक्रिया को अंतिम रूप देना था, जो सही से नहीं हुआ। इस गलती की सजा ओबीसी समाज भाजपा को जरूर देगा।’
कांग्रेस ने भी साधा था योगी सरकार पर निशाना
बता दें कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने आरोप लगाया था कि BJP के गड़बड़ रवैये के कारण पिछड़ों का संवैधानिक अधिकार खत्म होने के कगार पर है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘जब भी सामाजिक न्याय व आरक्षण के समर्थन में पक्ष रखने की बात आती है, बीजेपी का आरक्षण विरोधी चेहरा सामने आ जाता है।
यूपी के नगरीय निकाय चुनावों में आरक्षण को लेकर बीजेपी सरकार के गड़बड़ रवैये से OBC वर्ग का महत्वपूर्ण संवैधानिक अधिकार खत्म होने की कगार पर है। नगरीय निकाय चुनावों में ओबीसी वर्ग को आरक्षण का हक मिलना चाहिए। BJP का आरक्षण विरोधी रुख बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’
Compiled: up18 News
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