दुनिया में किसी भी देश के लिए उसकी अर्थव्यवस्था काफी मायने रखती है. अगर किसी भी दुनिया की अर्थव्यवस्था चरमरा जाती है तो उस देश को काफी नुकसान होता है. साथ ही ऐसा वक्त भी देखा गया है जब अर्थव्यवस्था के खराब होने के कारण पूरा देश ही कंगाली की हालात में आ जाता है. इसके बाद उस देश को दूसरे देशों से उधार पैसा लेकर गुजारा करना पड़ता है. वहीं अब पाकिस्तान के आर्थिक हालात भी कुछ ठीक दिखाई नहीं दे रहे हैं. पाकिस्तान लगातार आर्थिक मोर्चे पर फेल होता हुआ देखा जा रहा है. अब पाकिस्तान का व्यापार घाटा भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है.
व्यापार घाटा बढ़ा
नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान का व्यापार घाटा समाप्त वित्त वर्ष में 48.66 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. यह एक साल पहले के 30.96 अरब डॉलर की तुलना में 57 प्रतिशत अधिक है. मीडिया की खबरों में रविवार को कहा गया है कि आयात उम्मीद से कहीं अधिक रहने से व्यापार घाटा उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है. बता दें कि पाकिस्तान का वित्त वर्ष जुलाई से जून होता है.
लगाया था प्रतिबंध
‘द डॉन’ समाचार पत्र की रिपोर्ट के मुताबिक शहबाज शरीफ सरकार ने मई में 800 से अधिक गैरजरूरी विलासिता के सामान के आयात पर प्रतिबंध लगाया था. इसके बावजूद व्यापार घाटा काफी ऊंचा रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जून माह में पाकिस्तान का व्यापार घाटा 32 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 4.84 अरब डॉलर पर पहुंच गया. एक साल पहले समान महीने में यह 3.66 अरब डॉलर था.
बढ़ रहा है घाटा
समाप्त वित्त वर्ष के लिए व्यापार घाटा 2017-18 के 37 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर से कहीं अधिक रहा है. उस समय आयात मुख्य रूप से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के रास्ते बढ़ा था. वहीं वित्त वर्ष 2018-19 में व्यापार घाटा घटकर 31.8 अरब डॉलर रह गया था. यह 2019-20 में और कम होकर 23.2 अरब डॉलर पर आ गया था. 2020-21 में व्यापार घाटा फिर बढ़कर 30.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया था.
-एजेंसियां
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