आगरा। वाइल्डलाइफ एसओएस ने हाथियों के संरक्षण के अपने प्रयासों को और मजबूत करते हुए ‘हाथी सेवा’ नामक देश की पहला हाथी मोबाइल क्लिनिक शुरू किया है। इस सेवा का शुभारंभ असम के काज़ीरंगा नेशनल पार्क में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय हाथी स्वास्थ्य एवं उपचार शिविर के दौरान किया गया।
हाथियों को त्वरित और आवश्यक चिकित्सा प्रदान करने के उद्देश्य से संस्था ने यह पहल की है। ‘हाथी सेवा’ नामक यह मोबाइल क्लिनिक देश भर में हाथियों को आवश्यक चिकित्सा प्रदान करने के लिए समर्पित है।
इस मोबाइल क्लिनिक के माध्यम से नेत्रहीन और अपंग हाथियों को प्राथमिकता के आधार पर चिकित्सा सहायता दी जाएगी। इनमें लंगड़ापन, पैरों में संक्रमण, जोड़ों में सूजन और दर्द जैसी समस्याओं का इलाज किया जाएगा। हाथी सेवा का उद्देश्य वाइल्डलाइफ एसओएस के ‘भिक्षा मांगने वाले हाथियों’ के संरक्षण अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
हाथी मोबाइल क्लिनिक का शुभारंभ असम में चल रहे एक अंतरराष्ट्रीय हाथी स्वास्थ्य शिविर के दौरान किया गया, जिसमें अभी तक 50 से अधिक हाथियों का सफलतापूर्वक स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। यह शिविर काज़ीरंगा नेशनल पार्क एवं टाइगर रिज़र्व, और मेरापानी फॉरेस्ट डिवीजन में गश्त और वन्यजीव संरक्षण कार्यों में शामिल हाथियों के लिए विशेष रूप से आयोजित किया गया था।
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, हम भारत का पहला हाथी मोबाइल क्लिनिक शुरू कर बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं। वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव, गीता शेषमणि ने कहा कि हमारे मोबाइल क्लिनिक की पहल का उद्देश्य ऐसे हाथियों को तत्काल चिकित्सा उपचार प्रदान करना है।
काज़ीरंगा नेशनल पार्क और टाइगर रिज़र्व की फील्ड डायरेक्टर एवं एपीसीसीएफ, डॉ. सोनाली घोष ने कहा कि यह पहल निश्चित रूप से हाथियों के संरक्षण और कल्याण में एक मील का पत्थर साबित होगी। वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर- कंज़र्वेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी. ने कहा कि यह मोबाइल हेल्थ क्लिनिक उन कार्यरत हाथियों को चिकित्सा सहायता प्रदान करेगा, जिनकी भलाई और देखभाल अत्यंत आवश्यक है।