बालों का झड़ना उनके जीवनचक्र पर निर्भर करता है, हर बाल की एक उम्र होती है वह उसे पूरा करता है, इसके पीछे एक पूरी साइंस है, जिसके मुताबिक ही बालों का जीवनचक्र निर्धारित होता है. यदि बाल निश्चित सीमा से ज्यादा झड़ें तो चिंता करने की बात है.
बाल झड़ते हैं तो चिंता बढ़ती है, कभी लोग हेयरस्टाइल बदलकर इसे छिपाते हैं तो कभी नकली बाल लगाकर. कुछ लोग ऐसे होते हैं जो इसका ट्रीटमेंट लेते हैं. कुछ लोगों को इसका फायदा होता है और कुछ को नहीं, क्योंकि बालों के उगने से लेकर झड़ने तक एक पूरा विज्ञान होता है. जो पूरी तरह से हमारे शरीर और स्किन पर निर्भर करता है.
विशेषज्ञ ऐसा मानते हैं कि दिन भर में 50-60 बाल झड़ना आम बात है, क्योंकि बाल का एक जीवन चक्र होता है, जिसके बाद उन्हें झड़ना ही है, सामान्य तौर पर जितने बाल झड़ते हैं उतने ही बाल एक दिन में उग भी आते हैं, लेकिन यदि बाल झड़ने की तादाद लगातार बढ़ रही है तो फिर चिंता की बात हो सकती है.
कैसा होता है बालों का जीवनचक्र
जीवनकाल में बाल अपने तीन चरणों से गुजरते हैं. इनमें पहला होता है एनेजन जिसमें बालों की ग्रोथ होती है, दूसरा है कैटेजन जिसमें निश्चित ग्रोथ के बाद बाल बढ़ना बंद हो जाते हैं इसके बाद तीसरा चरण है टेलोजन, जिसमें बढ़ना बंद कर चुके बाल कमजोर होते हैं और टूटकर गिर जाते हैं. यह प्रक्रिया सदैव चलती रहती है.
एनेजन : यह बालों के उगने और बढ़ने की प्रक्रिया है. जो अलग-अलग व्यक्ति में 4 से 7 साल तक हो सकती है. जिन लोगों के बालों में एनेजन प्रक्रिया लंबी चलती है, उनके बाल जल्दी बढ़ते हैं और स्वस्थ रहते हैं. प्रतिमाह बाल तकरीबन एक सेंटीमीटर तक बढ़ते हैं.
कैटेजन : एनेजन प्रक्रिया के बाद बाल कैटेजन प्रक्रिया में आते हैं, यह चरण सिर्फ एक सप्ताह तक रहता है. यानी बालों की ग्रोथ स्थिर होने के बाद बाल ज्यादा दिन तक नहीं टिकते और तीसरे चरण यानी टेलोजन में चले जाते हैं.
टेलोजन: आसान भाषा में इसे बालों का बुढ़ापा कहा जा सकता है, इसमें बालों के गिरने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. आम तौर पर 50-60 बाल गिरना टेलोजन की एक आम प्रक्रिया है, लेकिन इससे ज्यादा बाल झड़ने का अर्थ ये है कि बाल पहले दो चरण जल्दी पार करके बूढ़े हो रहे हैं.
कैसे जानें कि अब चिंता की बात है ?
बहुत से लोगों में ये कंफ्यूजन रहता है कि बाल झड़ रहे हैं या नहीं, वे घंटों शीशे को निहारते रहते हैं, ऐसे लोग तीन लक्षणों से जान सकते हैं कि क्या सच में उनके बाल झड़ रहे हैं या नहीं.
यदि बहुत तेजी से बाल झड़ें और सिर के पीछे का हिस्सा अचानक से खाली दिखने लगे.
दूसरा चरण बालों का बीच से झड़ना, यानी आपको स्कैल्प नजर आने लगें, इनका कोई पैटर्न न हो. सिर में कहीं से भी बाल टूटने लगें.
जब आपको बाथरूम में नहाते वक्त, बिस्तर में या कपड़ों पर बहुत ज्यादा टूटे बाल मिलने लगें तो समझ जाएं कि आप एक्सेसिव हेयर लॉस से पीड़ित हैं.
ये हैं बाल गिरने के कारण
बाल गिरने का सबसे बड़ा कारण तनाव है, इसके अलावा बीमारी, ट्रॉमा, सर्जरी के बाद भी बालों का गिरना तेजी से बढ़ता है. थायरॉयड होना, हार्मोनल असंतुलन में भी बाल तेजी से टूटते हैं. इसके अलावा जब शरीर में पोषण तत्वों की कमी हो जाती है. मसलन विटामिन, डी, ए, ई नहीं मिल पाते, या कई बार डायटिंग के चक्कर में हम असंतुलित भोजन लेते हैं तो हेयरफॉल का शिकार होने के चांस बढ़ जाते हैं.
अंदर से आती है खूबसूरती
बालों के बारे में बेशक ये कहा जाए कि फलां तेल से, या फलां शैम्पू से बाल स्वस्थ होते हैं या झड़ते हैं, लेकिन ये शत प्रतिशत सच नहीं होता. हेयर एक्सपर्ट मानते हैं कि इसका आंशिक असर जरूरत पड़ता है, लेकिन हेयर लॉस का विज्ञान ये कहता है कि यह पूरी तरह हमारे शरीर पर निर्भर करता है, क्योंकि बालों की जड़ों को पोषण चाहिए. यह पोषण हमारा शरीर ही बालों की जड़ों तक पहुंचाता है. –
-एजेंसी