रामचरितमानस पर चल रहे विवाद के बीच समाजवादी पार्टी के प्रमुख व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आज वाराणसी में संकट मोचन हनुमान मंदिर में दर्शन करने पहुंचे, जिसकी फोटो सपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से शेयर की गयी। जिस पर सपा नेत्री रोली मिश्रा तिवारी ने कटाक्ष करते हुए सवाल किया। आम सोशल मीडिया यूज़र्स ने भी अखिलेश से कई तरह के सवाल किये।
अखिलेश यादव ने हनुमान मंदिर में किया दर्शन
दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे अखिलेश यादव ने संकट मोचन मन्दिर में अपनी हाजिरी लगाई। जिसके बाद सपा प्रमुख ने सीधे अस्सी स्थित पप्पू की अड़ी पर पहुंचे। जहां उन्होंने अपने समर्थकों के साथ मसाले वाले चाय की चुस्की ली। सपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से हनुमान मंदिर में दर्शन करते अखिलेश यादव की फोटो शेयर कर लिखा गया,”वाराणसी के संकट मोचन मंदिर में दर्शन करने पहुंचे माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी।”
रोली मिश्रा ने सपा प्रमुख अखिलेश की फोटो पर पूछा सवाल
सपा नेत्री ने अखिलेश की फोटो पर सवाल किया,”श्रीरामचरितमानस का अपमान? कैसे स्वीकार करेंगे संकट मोचन हनुमान?” वहीं काशी विश्वनाथ दर्शन करने गए अखिलेश की तस्वीर पर लिखा- एक तरफ पार्टी के महासचिव और प्रवक्ता साधु संत धर्माचायों को गाली दे रहे हैं, पूजा पाठ को पाखण्ड बता रहे हैं.. पंडितों से अभद्र बोल रहे हैं। ऐसे में आपका सनातन धर्म के प्रति ये सुंदर सन्देश है अखिलेश जी।
इसके साथ उन्होंने लिखा कि जिस तरह से हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जी संकटमोचन मंदिर और बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन कर रहे हैं। उसे देखते हुए कहीं हमारे नादान कार्यकर्ता मेरे जैसे, उनसे भी न पूछ बैठें। उन्होंने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का नाम लेते हुए लिखा,”अगर आप सचमुच में सनातन धर्म और हनुमान जी में आस्था रखते हैं तो सनातनधर्म द्रोही श्रीरामचरितमानस विद्रोही स्वामी प्रसाद मौर्या जी का समर्थन करना बंद कर दीजिए। वो पार्टी को बर्बाद कर देंगे, ये निवेदन ही नहीं चेतावनी है।
सोशल मीडिया यूज़र्स ने भी किये ऐसे सवाल
@VibhutiSinghIND नाम के एक यूजर ने लिखा,”अपने एजेंडा को सेट करके हिंदुओं को जातियों में बाँटने और लड़वाने का गंदा खेल खेलने वाले। रामचरितमानस बैन की माँग से लेकर जलाने तक का ऑपरेशन ऑपरेट करने वाले। ये खेल और अधिक समय तक नहीं चलने वाला जनता के सामने आपका चेहरा बेनक़ाब हो गया है। बजरंगबली और उनके भक्त सब याद रख रहे है।”
@modivanibharat नाम के एक यूजर लिखते हैं कि एक तरफ मौर्य को आगे बढ़ाकर रामचरितमानस का अपमान करके हिंदुओ में भेदभाव और विशेष समुदाय का वोट बैंक साधने की कोशिश और दूसरी तरफ एक ब्राह्मण को आगे बढ़ाकर हिंदू वोट साधने की कोशिश? अखिलेश यादव ने मौर्य का कद क्यों बढ़ाया ? देख रहे हो क्या खेल चल रहा इसलिए MLC में खाता भी नहीं खुला।
Compiled: up18 News