केंद्र सरकार चीन की सीमा से सटे गाँवों को पर्यटकों के लिए खोलने की योजना बना रही है.
केंद्रीय बजट 2022-23 के केंद्रीय बजट के तहत घोषित वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के ज़रिए ये योजना शुरू की जाएगी.
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हिमाच प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, अरुणाचल प्रेदश और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के प्रतिनिधियों के साथ इस मामले पर बैठक की.
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार इस योजना के बजट प्रावधानों को अनुमोदन के लिए व्यय वित्त समिति को भेज दिया गया है, जिसके बाद योजना को पीएम मोदी की अध्यक्षता वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल के सामने पेश किया जाएगा.
लद्दाख ऑटोनॉमस हिल डेवलेपमेंट काउंसिल (एलएएचडीसी) के चीफ़ एग्ज़िक्यूटिव काउंसिलर ताशी ग्यालसन ने बताया कि हर सीमावर्ती गांव को मजबूत करने के लिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत ज़िला स्तर पर पूर्वाभ्यास चल रहा है.
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 23 फ़रवरी को ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित एक वर्चुअल बैठक के दौरान पर्यटन और संस्कृति पर ज़ोर दिया गया. अधिकारी के अनुसार “वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम में आजीविका सृजन, रोड कनेक्टिविटी, आवास, ग्रामीण बुनिया ढाँचा, नवीकरणीय ऊर्जा, टेलीविज़न और ब्रॉडबैंड कनेक्शन से जुड़े काम किए जाएंगे.”
आंतरिक मामलों पर बनी एक संसदीय समिति ने दिसंबर 2021 में दी अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया था कि लद्दाख के गांवों, खासतौर पर चुमार और देमचोक जैसे ज़ीरो बॉर्डर पर स्थित गांवों तक बिजली पहुंचानी चाहिए ताकि इन इलाकों से लोगों के पलायन को रोका जा सके.
-एजेंसियां