लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव से पहले अयोध्या से समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। अजीत प्रसाद पर गाड़ी से अपहरण कर मारपीट करने और धमकाने का आरोप है। बतातें चलें कि अवधेश प्रसाद के बेटे अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव की तैयारी कर रहे हैं।
अजीत प्रसाद के खिलाफ अयोध्या की नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ है. रवि कुमार तिवारी की तहरीर पर पुलिस ने अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद के खिलाफ केस दर्ज किया है। उन पर अपहरण कर गाड़ी में मारपीट करने और धमकाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। इस एफआईआर में अजीत प्रसाद के साथ ही राजू यादव, श्रीकांत राय और 10-15 अज्ञात लोगों का नाम है। पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ नगर कोतवाली में क्राइम नंबर 528/2024 पर दर्ज की है।
पीड़ित ने पुलिस को शिकायत देते हुए बताया कि अजीत प्रसाद ने तमंचा लगा दिया और सभी ने मिलकर गाड़ी में उसके साथ मारपीट करनी शुरू कर दी। पूरे रास्ते उसके साथ मारपीट करते रहे। फिर तहसील के पास गाड़ी खड़ी कर दी और एक लाख रुपये वापस लेने का वीडियो भी बना लिया। पीड़ित रवि तिवारी का आरोप है कि अजीत प्रसाद ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी है।
अजीत प्रसाद को मिल्कीपुर से टिकट दे सकती है सपा
बता दें कि अवधेश प्रसाद ने 2024 के लोकसभा चुनाव में अयोध्या-फैजाबाद सीट से जीत हासिल की है। इससे पहले वह अयोध्या की मिल्कीपुर सीट से विधायक चुने गए थे। अब मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव होना है। माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को ही मिल्कीपुर से टिकट दे सकती है और वो खुद भी इसकी तैयारी में जुटे हुए हैं। हालांकि अबतक इसका औपचारिक ऐलान नहीं किया गया है।
अवधेश प्रसाद की लोकप्रियता से घबराई बीजेपी : सपा
अयोध्या सांसद के बेटे के खिलाफ केस दर्ज होने पर सपा नेता उदयवीर सिंह ने कहा कि मिल्कीपुर में उपचुनाव है। अवधेश जी वहां के लोकप्रिय नेता हैं। इधर उनका नाम और बढ़ा है सम्मान बढ़ा है। भारतीय जनता पार्टी परेशान है। इसलिए दो राज्यों के चुनाव हुए तब यूपी के उपचुनाव घोषित नहीं हुए। मुख्यमंत्री के एक सलाहकार पूर्व आईएएस पूरी ताकत के साथ पुलिस प्रशासन में किसको डराना है किसको मनाना है, इसमें लगे हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए और जांच के बाद जो सामने आता है तब कार्रवाई होती है एफआईआर होती। मेरी जानकारी में ऐसी कोई घटना नहीं हुई जिसमें एफआईआर की जरूरत पड़े। सरकार सिर्फ पॉलिटिकल लोगों को टारगेट कर रही है। उपचुनाव में जीत हासिल करने के लिए ये सब किया जा रहा है, लेकिन जनता भी सब समझती है लोग सब समझते हैं।
साभार सहित
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