चाणक्य रक्षा संवाद कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति धनखड़ बोले, युद्ध के लिए तैयार रहना ही शांति का मार्ग

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संबोधन के दौरान उन्होंने कहा, युद्ध के लिए तैयार रहना शांति का मार्ग है। एक राष्ट्र की ताकत सबसे प्रभावशाली रक्षा और निवारक है। धनखड़ ने सुरक्षा माहौल को बढ़ाने में अभिन्न घटकों के रूप में देश की सॉफ्ट पावर और आर्थिक ताकत का उपयोग करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि एआई, रोबोटिक्स, क्वांटम, सेमी-कंडक्टर, बायो-टेक, ड्रोन और हाइपरसोनिक्स जैसी गहरी प्रौद्योगिकियों के उद्भव ने युद्ध के चरित्र को फिर से लिखा है। इन क्षेत्रों की कुशलता और भविष्य की रणनीतिक समृद्धि और असफलता का निर्धारण करेगी। यूक्रेन और पश्चिम एशिया में चल रहे युद्धों का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने चिंता व्यक्त की कि वैश्वीकरण और आर्थिक परस्पर निर्भरता के बावजूद संघर्ष जारी है।

राष्ट्रीय सुरक्षा आज असंख्य विशेषताओं और क्षमताओं का एक समूह है। सेना इसका सिर्फ एक हिस्सा है, उन्होंने ऐसे संकल्प खोजने के लिए एक मजबूत शक्ति गतिशील बनाने के लिए विभिन्न टुकड़ों को एक साथ आने की आवश्यकता पर जोर दिया, जो वर्तमान परिवेश में सटीक हो सके।

Compiled: up18 News