देश का दिग्गज बिजनेस ग्रुप वेदांता (Vedanta) अपने सभी या कुछ कारोबारों को स्टॉक मार्केट पर अलग से लिस्ट करने पर विचार करेगा। वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) ने शुक्रवार को यह बात कही। यह ग्रुप मेटल और माइनिंग से लेकर ऑयल एंड गैस तथा संभावित रूप से चिपमेकिंग तक कई सेक्टर्स में काम कर रहा है। अग्रवाल ने यू-ट्यूब पर एक वीडियो मैसेज में कहा, ‘मैंने अपने सभी एडवाइजर्स और मेरे लोगों से इस बारे में पूछा है कि क्या हम सभी प्रोडक्ट्स या कुछ को स्वतंत्र कर सकते हैं या नहीं।’
विभिन्न सेक्टर्स में निवेश का मिलेगा मौका
अग्रवाल ने कहा, ‘अगर आपके पास वेदांता लिमिटेड का शेयर है तो आपके पास कई कंपनियों के शेयर होंगे। इससे लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करने का मौका मिलेगा। कुछ इंटरनेशनल कंपनीज विशेष क्षेत्र में निवेश करना चाहती हैं, इससे उन्हें मौका मिलेगा।’ अग्रवाल ने कहा कि वे इस प्रस्ताव पर शेयरधारकों के विचार प्राप्त करेंगे और रि-ऑर्गेनाइजेशन से निवेशकों को बेहतर रिटर्न तथा डिविडेंड्स मिल सकता है।
रेटिंग एजेंसीज ने आउटलुक किया डाउनग्रेड
ये योजनाएं अग्रवाल के 2020 में वेदांता लिमिटेड को डीलिस्ट करने के प्रयासों के विपरीत हैं। वे अपने कॉर्पोरेट स्ट्रक्चर को सरल बनाने की प्रक्रिया को तेज करना चाहते थे, जो विफल रहा। वेदांता की मूल कंपनी वेदांता रिसोर्सेज फंड्स जुटाने के लिए जूझ रही है, क्योंकि क्रेडिट रेटिंग एजेंसीज ने इसे आउटलुक को डाउनग्रेड कर दिया है। ऐसा फंडिंग रिस्क और कर्ज चुकाने से जुड़ी चिंताओं के चलते किया गया।
कर्ज कम करने की कोशिशें
इस साल की शुरुआत में अग्रवाल ने समूह के 7.7 अरब डॉलर के कर्ज को कम करने के लिए अपनी एक इकाई हिंदुस्तान जिंक को 2.98 अरब डॉलर के सौदे में मूल कंपनी के जिंक एसेट्स को खरीदने के लिए कहा था। हालांकि, भारत सरकार ने इस कदम का विरोध किया, जिसकी हिंदुस्तान जिंक में 30 फीसदी हिस्सेदारी है।
वेदांता ने जून में अपने स्टील और स्टील रॉ मेटेरियल बिजनसेज की एक रणनीतिक समीक्षा शुरू की थी। क्योंकि ग्रुप अपने कर्ज के बोझ को कम करने के लिए अपनी यूनिट्स में पैसा तलाश रहा था। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स का अनुमान है कि वेदांता रिसोर्सेज का फंडिंग गेप अगस्त 2024 तक 2 अरब डॉलर का होगा।
Compiled: up18 News