वेदांता और फॉक्सकॉन ने किया इकाई लगाने के लिए गुजरात सरकार से करार

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गांधीनगर में मंगलवार को आयोजित समारोह में रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव की मौजूदगी में एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस मौके पर कहा कि दोनों कंपनियां गुजरात में यह संयंत्र लगाने पर 1,54,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी। इससे एक लाख रोजगार के अवसरों का सृजन होगा। पटेल ने कहा कि राज्य सरकार इसके लिए पूरा सहयोग उपलब्ध कराएगी।

राज्य सरकार की ओर से एमओयू पर हस्ताक्षर करने वाले गुजरात के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव विजय नेहरा ने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह अबतक का सबसे बड़ा कॉरपोरेट निवेश है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि यह एमओयू भारत की सेमीकंडक्टर विनिर्माण महत्वाकांक्षा को तेज करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

मोदी ने कहा, ‘‘यह एमओयू भारत की सेमीकंडक्टर निर्माण महत्वाकांक्षाओं को तेज करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कुल 1.54 लाख करोड़ रुपये का निवेश अर्थव्यवस्था और नौकरियों को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण है। यह सहायक उद्योगों के लिए एक बड़ा पारिस्थितिकी तंत्र भी बनाएगा और हमारे एमएसएमई की मदद करेगा।’’

सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल कारों, मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों में किया जाता है। इसका निर्माण फिलहाल भारत में नहीं किया जाता है।

नेहरा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘दुनिया में इस्तेमाल होने वाले सभी चिप का आठ प्रतिशत ताइवान में बनता है। इसके बाद चीन और जापान का स्थान है। आगामी संयंत्र से भारत में चिप निर्माण की शुरुआत होगी। यह भारत के लिए रणनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे अन्य देशों पर हमारी निर्भरता कम होगी।’’

संयुक्त उद्यम कंपनी इस समय संयंत्र की स्थापना के लिए गुजरात में विभिन्न स्थानों का मूल्यांकन कर रही है और अगले कुछ हफ्तों में स्थान को अंतिम रूप देगी।

अधिकारी ने कहा कि कुल 1,54,000 करोड़ रुपये के निवेश से 94,000 करोड़ रुपये डिस्प्ले विनिर्माण इकाई की स्थापना में खर्च होंगे, जबकि 60,000 करोड़ रुपये सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र के लिए निवेश किए जाएंगे।

दोनों पक्षों द्वारा हस्ताक्षरित एमओयू के अनुसार गुजरात सरकार निवेशकों को संबंधित विभागों से आवश्यक मंजूरी हासिल करने में सुविधा देगी।

उन्होंने कहा कि केंद्र अपने भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत परियोजना के लिए प्रोत्साहन भी देगा। संयंत्र अगले दो वर्षों में उत्पादन शुरू कर देगा।

-एजेंसी


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