शहरी निकाय चुनाव यूपी: OBC आरक्षण की नई रिपोर्ट से आ सकता है राजनीति में भी बड़ा बदलाव, प्रत्याशियों में बड़ा फेरबदल संभव

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इसके बाद रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश कर चुनाव कराने की इजाजत मांगी जाएगी। फिलहाल अंदेशा है कि ये रिपोर्ट लागू होने पर यूपी की राजनीति में भी बड़ा बदलाव आ सकता है। इससे नगर निगम के मेयर, नगर पालिका और नगर पालिका के अध्यक्ष और वार्ड पार्षद सीटों के प्रत्याशियों में बड़ा फेरबदल संभव है। साथ ही चर्चा है कि सब कुछ ठीक रहा तो अप्रैल में नगर निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं।

नगर निकाय चुनाव के लिए सीटों का आरक्षण ट्रिपल टेस्ट के आधार पर किया जाएगा। इससे मेयर, अध्यक्ष और पार्षदों की सीटों का आरक्षण गणित काफी हद तक बदलने की संभावना है। हाल में नगर निकाय चुनाव की घोषणा के बाद बवाल मचा था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को ओबीसी आयोग का गठन कर सभी 75 जिलों का सर्वे कराकर रिपोर्ट देने के लिए निर्देशित किया था। पांच सदस्यीय ओबीसी आयोग ने ये काम दो महीने से अधिक समय लगाकर पूरा किया।

अब सीटों के आरक्षण में इस रिपोर्ट के आधार पर बदलाव लगभग तय है। ऐसे में निकाय चुनाव के लिए पहले जो सीटें जनरल कैटेगरी यानी सामान्य वर्ग के लिए घोषित हुई थी, उनमें से कुछ नई आरक्षण प्रक्रिया के तहत ओबीसी या अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हो सकती हैं। इसका असर ये होगा कि उन सीटों पर सामान्य वर्ग के प्रत्याशियों की संभावना खत्म हो जाएगी।

महिला उम्मीदवारों के लिए भी संकट

दूसरी तरफ अगर पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गईं तो ओबीसी वर्ग के नेताओं की मुश्किल बढ़ जाएगी। इसी तरह उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में महिलाओं के लिए भी आरक्षण का रूल है। अगर महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों को जनरल, अनुसूचित या ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित कर दिया जाता है, तो उन सीटों पर तैयारी में जुटी महिला दावेदारों को नई रणनीति पर काम करना पड़ेगा।

30 साल से चल रहा था एक ही आरक्षण

ओबीसी आयोग ने 350 पन्नों की रिपोर्ट में आरक्षण की पुरानी प्रक्रिया से जुड़ी कमियों को भी हाईलाइट किया है। रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में ऐसी भी कई सीटें हैं, जहां 30 साल से एक ही आरक्षण चलता आ रहा है। जांच के दौरान सामने आया है कि मनचाहा आरक्षण देने के लिए आंकड़ों में गलत तरीके से बदलाव किया गया है। कई जगहों पर चुनाव में रोटेशन का प्रक्रिया का भी ठीक तरीके से पालन नहीं हुआ। आयोग ने निकायवार जनसंख्या के आधार पर पिछड़ा वर्ग आरक्षण लागू करने की सिफारिश की है।

760 निकायों में बदलेगा समीकरण

ओबीसी आयोग की रिपोर्ट के बाद नगर विकास विभाग शहरी निकायों का नए सिरे से आरक्षण जारी कर सकता है। यूपी में 760 निकायों में चुनाव होने हैं, रिपोर्ट के बाद अधिकतर में आरक्षण से जुड़े नए नियम लागू हो जाएंगे। जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट से रिपोर्ट पर हरी झंडी मिलते ही आयोग की सिफारिशों को लागू कर आरक्षण जारी कर दिया जाएगा। चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने भी तैयारी शुरू कर दी है। 1 अप्रैल तक अंतिम वोटर लिस्ट भी जारी हो सकती है। वहीं अप्रैल या मई में चुनाव कराया जा सकता है।

Compiled: up18 News