आगरा जीआरपी में यूपी का पहला DMS सिस्टम लागू, आपराधिक घटनाओं में आएगी कमी

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आगरा: उत्तर प्रदेश की जीआरपी लगातार हाईटेक बनती चली जा रही है। अब जीआरपी में डी.एम.एस यानी ड्यूटी मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया गया है। ड्यूटी मैनेजमेंट सिस्टम ऐप के माध्यम से जीआरपी के सभी अधिकारियों कॉन्स्टेबल और अधीनस्थ की ड्यूटी लगाई जाएगी। इससे कर्मचारियों की ड्यूटियों का शत प्रतिशत लगेगी तो वहीं सही व्यवस्थापन व प्रभावी रूप से निगरानी हो सकेगी। अपराध एवं अपराधियों पर प्रभावी रूप से अंकुश भी लगेगा।

क्या है ड्यूटी मैनेजमेंट सिस्टम एप

एसपी रेलवे मोहम्मद मुश्ताक़ ने बताया कि जीआरपी आगरा ने अपने आपको इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी में और ज्यादा दुरुस्त कर दिया है। डीएमएस यानी ड्यूटी मैनेजमेंट एप अब हर जीआरपी के समस्त कर्मचारी गण के मोबाइल में होगा। इस एप के माध्यम से ही अब हर थाना व चौकी पर तैनात प्रभारी इसका नोडल अधिकारी होगा जो अपने अधीनस्थों की ड्यूटी लगाएगा। अब जीआरपी के कर्मचारियों को अपनी ड्यूटी लगवाने के लिए थाने या चौकी नहीं पहुंचना होगा बल्कि जहां उनकी ड्यूटी लगी है वहीं से वह ऐप खुलकर अपनी अटेंडेंस लगा देंगे।

एसपी रेलवे मोहम्मद मुस्ताक का कहना है कि इस एप के माध्यम से ट्रेन में कितना एस्कॉर्ट है, प्लेटफार्म पर कितना एस्कॉर्ट तैनात है, थाने चौकी पर किन-किन लोगों की ड्यूटी लगी है। स्कोर्ट ट्रेन में चल रहा है या नहीं, इन सब की जानकारी इस एप के माध्यम से आसानी से हो जाएगी। क्योंकि प्लेटफार्म और ट्रेन में तैनात स्कोर्ट को हर 3 घंटे बाद अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी।

वर्तमान में यह है व्यवस्था

आपको बताते चलें कि वर्तमान में जीआरपी में रजिस्टर प्रणाली प्रचलित है जिससे एस्कॉर्ट ड्यूटी, प्लेटफार्म ड्यूटी व अन्य स्थानों पर जीआरपी के अधीनस्थ कर्मचारियों को तैनात किया जाता है। एस्कॉर्ट ड्यूटी, प्लेटफार्म ड्यूटी व थाना और चौकी ड्यूटी पर जो तैनात है। उनका वेरिफिकेशन प्लेटफार्म और एस्कॉर्ट में तैनात लोग ही करते हैं और एक दूसरे के हस्ताक्षर लिया करते हैं। यह भी होता था कि कर्मचारी ड्यूटी पर तैनात नहीं है लेकिन फिर भी उसकी उपस्थिति दर्ज हो जाती थी, इसके चलते कई बार अपराधिक घटनाएं भी हो जाती थी।

यूपी का पहला

एसपी रेलवे मोहम्मद मुस्ताक ने बताया कि यूपी जीआरपी में अभी आगरा और झांसी अनुवाद पहला है जहां इस सिस्टम को लागू किया जा रहा है। इस सिस्टम के लागू हो जाने से ड्यूटी में तो पारदर्शिता आएगी। वहीँ, अपराधियों पर भी शिकंजा आसानी से कसा जा सकेगा। क्योंकि ट्रेन और प्लेटफॉर्म पर जो एस्कॉर्ट तैनात होगा। अगर कोई अपराधिक गतिविधियां होती है तो उसे तुरंत सूचित भी आसानी से किया जा सकेगा या कोई अपराधिक घटना करके भाग रहा है तो वह भी हमें तुरंत सूचित कर देगा जिससे आसानी से उसे पकड़ा जा सके।