पाकिस्तान और पीओके में बड़ी संख्या में लॉन्च पैडों पर अब भी आतंकवादी मौजूद हैं और वह भारत पर हमला करने की फिराक में हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा को यह जानकारी दी। हालांकि उन्होंने कहा कि सीमा पार से घुसपैठ की घटनाओं में कमी आई है। उन्होंने कहा कि 2018 में इस तरह की 143 घटनाएं, 2019 में 138 घटनाएं और 2020 में 51 घटनाएं घटीं। वहीं 2021 में 34 ऐसे मामले सामने आए हैं।
पाकिस्तान और भारत पिछले करीब एक साल से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्ष विराम का पालन कर रहे हैं।
क्या एलओसी पर पाकिस्तान ने बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है और क्या आतंकवादियों ने सीमापार से लांच पैडों से घुसपैठ की कोशिश की है?
इस बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा, ‘मांगी गई जानकारी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े एक संवेदनशील अभियान संबंधी मामले से संबंधित है और राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में इसे बताया नहीं जा सकता।’ हालांकि राय ने कहा कि केंद्र सरकार एलओसी पर सुरक्षा हालात की नियमित समीक्षा करती है और आतंकवादियों समेत अन्य खतरे वाले तत्वों की किसी भी हरकत को नाकाम करने के लिए एहतियाती कदम उठाती है।
बता दें कि शनिवार को ही होम मिनिस्टर अमित शाह ने जम्मू कश्मीर के सुरक्षा हालातों की समीक्षा की थी। इस दौरान अमित शाह ने कहा था कि घाटी में आतंकवादी घटनाओं में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। 2018 में ऐसी 417 घटनाएं हुई थीं जबकि 2021 में यह आंकड़ा तेजी से घटते हुए 229 ही रह गया। उन्होंने कहा कि आतंकी घटनाओं के चलते सुरक्षाकर्मियों की शहादत के मामले भी घटे हैं। अमित शाह ने आंकड़ा देते हुए कहा था कि आतंकी घटनाओं में 2018 में 91 सुरक्षाकर्मियों की शहादत हुई थी, जो बीते साल कम होकर 42 ही रह गई।
-एजेंसियां