विश्वविद्यालय अनुदान आयोग UGC ने एक बड़ा फैसला लेते हुए सभी केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए विश्वविद्यालय संयुक्त प्रवेश परीक्षा (CUET) को अनिवार्य कर दिया है। यानी अब अगर 12वीं में ज्यादा नंबर नहीं आये तो भी कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि अब विश्वविद्यालयों में एडमिशन CUET में प्राप्त नंबरों के आधार पर होंगे।
इससे छात्रों को 90 पर्सेंट से ज्यादा नंबर पाने वाली रेस से राहत मिल गई है। ये नियम केंद्रीय विश्वविद्यालयों और उससे संबद्ध कॉलेजों में अंडरग्रेजुएट एडमिशन के लिए लागू होगा। UGC के मुताबिक ये नियम 2022-23 शैक्षणिक सत्र से लागू हो जाएंगे। हालांकि विश्वविद्यालयों को बोर्ड एग्जाम के मार्क्स को लेकर न्यूनतम पात्रता निर्धारित करने की अनुमति होगी।
UGC के चेयरमैन डॉक्टर जगदीश कुमार ने कहा कि अब तक हमारे देश के अलग-अलग यूनिवर्सिटीज में एडमिशन लेने के लिए छात्रों को बहुत हाई स्कोर लाना पड़ता था, इसके अलावा अलग-अलग यूनिवर्सिटी में प्रवेश परीक्षा भी देना पड़ता था इसलिए हमने फैसला किया कि साल 2023 से किसी भी यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन प्रवेश पाने के लिए एक ही प्रवेश परीक्षा रखी जाएगी। उन्होंने ये भी कहा कि ये नियम निजी और अन्य स्टेट यूनिवर्सिटीज के लिए बाध्यकारी नहीं है, लेकिन ये उनकी सामाजिक जिम्मेदारी बनती है कि एडमिशन में वे इसके स्कोर का इस्तेमाल करें ताकि बच्चों की परेशानी कम हो।
क्या होगा टेस्ट का पैटर्न?
UGC के चेयरमैन ने बताया कि CUET छात्रों के लिए काफी आसान होगा क्योंकि इसे 13 अलग-अलग भाषाओं में दिया जा सकेगा। जिसमें एक अंग्रेजी और 12 मातृ भाषाएं होंगी। इसमें अनिवार्य रूप से एक लैंग्वेज पेपर होगा और 6 अलग-अलग सब्जेक्ट में छात्र परीक्षा दे पाएंगे।
जल्द ही इसके लिए सिलेबस भी जारी किया जाएगा। इस नए पैटर्न की परीक्षा में छात्रों को मल्टीपल च्वाइस क्वेश्चन का जवाब देना पड़ेगा और यह टेस्ट कंप्यूटर बेस्ड होगा। जिसका मतलब है कि छात्र कॉपी पर अपने सवाल का हल कर कंप्यूटर में टिक मार्क करेंगे।
CUET परीक्षा में पार्टिसिपेट करने के लिए किसी बच्चे को कंप्यूटर ऑपरेट करना आए ये जरूरी नहीं है, क्योंकि उन्हें बस टिक मार्क करना है, जो काफी आसान है। वैसे इसमें नेगेटिव मार्किंग भी होगी।
-एजेंसियां
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