लखनऊ। उज्बेकिस्तान की होलिडा और नीलोफर के अवैध रूप से राजधानी लखनऊ में रहने की घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इनके पास पासपोर्ट और वीजा भी नहीं मिला है। ऐसे में दोनों दिल्ली से यहां पहुंचीं कैसे? इसके बारे में जानकारी की जा रही है।
लोलो के खिलाफ उज्बेकिस्तान में जारी हो चुका है लुकआउट नोटिस
सूत्रों का कहना है कि दोनों युवतियां कब से और किन-किन शहरों में रह रही हैं? इसका पता लगाया जा रहा है। जासूसी के बिंदु पर भी छानबीन की जा रही है। खुफिया एजेंसियां इसे लेकर अलर्ट हो गई हैं। माना जा रहा है कि दोनों युवतियों से खुफिया एजेंसियां भी पूछताछ करेंगी। खास बात यह है कि दोनों को लखनऊ में लाने वाली और यहां के लोगों से परिचय कराने वाली लोलो के खिलाफ उज्बेकिस्तान में लुकआउट नोटिस भी जारी हो चुका है।
फॉरेनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (एफआरआरओ) की टीम उसके बारे में पता लगा रही है। बताया जा रहा है कि पुलिस टीम ने जब छापा मारा था, तब लोलो भी वहीं दूसरे कमरे में थी। हालांकि, पुलिस के आने की भनक लगते ही वह भाग निकली।
सेक्स रैकेट या बड़ी साजिश?
हालांकि प्रारंभिक जांच में यह मामला सेक्स रैकेट से जुड़ा प्रतीत हो रहा है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि बात इससे कहीं आगे की भी हो सकती है। सूत्रों की मानें तो इन महिलाओं की गतिविधियों, उनकी यात्राओं और संपर्कों को देखते हुए खुफिया एजेंसियां अब यह भी जांच कर रही हैं कि कहीं इनका संबंध किसी जासूसी नेटवर्क से तो नहीं है। इन युवतियों ने दिल्ली सहित किन-किन शहरों में समय बिताया, किन लोगों से संपर्क में रहीं, और क्या वे किसी संवेदनशील जानकारी तक पहुंचने की कोशिश कर रही थीं—इन सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है।
अहम कड़ी है लोला कायूमोवा
इस पूरे मामले की सबसे अहम कड़ी है लोला कायूमोवा। बताया जा रहा है कि वह छापेमारी के दौरान फ्लैट में ही मौजूद थी, लेकिन पुलिस की गंभीर लापरवाही के चलते वह फरार हो गई। लोला के उज्बेकिस्तान से लुकआउट नोटिस के बावजूद उसका भारत में खुलेआम रहना न केवल सिस्टम पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अंतरराष्ट्रीय आपराधिक तत्व किस हद तक भारतीय एजेंसियों को चकमा देने में सक्षम हैं।
होटल में मिला था उज्बेक महिला का शव
सुरक्षा एजेंसियों को इस मामले से जुड़ा एक और पहलू परेशान कर रहा है—विभूतिखंड क्षेत्र के एक होटल में हाल ही में एक उज्बेक महिला का शव मिला था। प्रारंभिक जांच में वह महिला भी किसी के साथ लखनऊ आई थी। अब यह जांच की जा रही है कि क्या वह महिला भी लोला के नेटवर्क का हिस्सा थी और क्या उसकी मौत महज संयोग थी या किसी बड़ी साजिश की परत। उधर, मामले के विवेचक महेश कुमार सिंह का कहना है कि सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
एजेंसियों की सख्ती
जहां सुरक्षा एजेंसियों ने मामले को गंभीरता से लिया है, वहीं यह बात भी सामने आई है कि स्थानीय पुलिस शुरुआत में मामले को दबाने में लगी रही। यदि मीडिया द्वारा मामला उजागर न किया गया होता, तो शायद यह पूरा रैकेट एक बार फिर पर्दे के पीछे चला जाता। अब जब पूरा मामला सामने आ चुका है, तो एजेंसियों ने न केवल दोनों महिलाओं से गहन पूछताछ की तैयारी कर ली है, बल्कि लोला कायूमोवा, अर्जुन राणा और उनके नेटवर्क से जुड़े हर शख्स की तलाश शुरू कर दी गई है।
साभार सहित