1993 के सीरियल बम धमाकों में टुंडा बरी, हमीदुद्दीन और इरफ़ान को उम्रकैद

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बाबरी मस्जिद ढहाए जाने की बरसी पर साल 1993 में मुंबई, हैदराबाद, कानपुर लखनऊ और सूरत में ट्रेनों में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे.

कोर्ट के फ़ैसले के बाद अब्दुल करीम टुंडा के वकील शफ़ीकतुल्ली सुल्तानी ने मीडिया से बातचीत की है.
उन्होंने कहा, “अब्दुल करीम टुंडा पर दर्ज किसी भी मामले में कोर्ट ने उन्हें दोषी नहीं माना है. अब्दुल करीम टुंडा के ख़िलाफ़ जितने भी मामले दर्ज हुए हैं, किसी मामले में टुंडा दोषी सिद्ध नहीं हुए हैं और आज भी अब्दुल करीम टुंडा बरी हुए हैं.”

“मेरे मुवक्किल अब्दुल करीम टुंडा पूर्णतः निर्दोष हैं. माननीय न्यायलय ने आज यह निर्देश दिए हैं.”
कोर्ट ने सभी धाराओं, सभी सेक्शन और सभी एक्ट से बरी करने का फैसला सुनाया है.

सीबीआई अब्दुल करीम टुंडा के ख़िलाफ़ टाडा एक्ट, आईपीसी, रेलवे एक्ट, आर्म्स एक्ट, विस्फोटक अधिनियम मामले में कोई सबूत पेश नहीं कर सकी.

वह कहते हैं, “शुरू से हमारा कहना था कि अब्दुल करीम टुंडा निर्दोष हैं, ये आज न्यायालय में फिर साबित हुआ है.”
टाडा कोर्ट में 27 फ़रवरी को ही सुनवाई पूरी हुई थी.

सीरियल बम ब्लास्ट मामले में मुख्य अभियुक्त अब्दुल करीम टुंडा अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद हैं.
साल 2013 में नेपाल बॉर्डर से गिरफ़्तारी के बाद उन्हें गाज़ियाबाद की जेल में रखा गया था, जहां से अजमेर जेल शिफ्ट किया गया था.

गुरुवार सुबह उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट लाया गया था. इस दौरान वह व्हील चेयर पर बैठे नज़र आए.

-एजेंसी


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