श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने कहा कि कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर बिना सबूतों के अपमानजनक आरोप लगाए हैं. श्रीलंका को लेकर भी उन्होंने कहा था कि हमारे यहां नरसंहार हो रहा है जो बिलकुल झूठ था.
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे अली साबरी ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा- “कुछ आतंकवादियों को कनाडा में सुरक्षित ठिकाना मिल गया है. कनाडाई प्रधानमंत्री ने बिना किसी सबूत के अपमानजनक आरोप भारत पर लगाए हैं और ये उनका तरीका है.”
“यही बात उन्होंने श्रीलंका के लिए भी की थी. कनाडा ने कहा था कि श्रीलंका में नरसंहार हुआ जो सरासर झूठ था. सभी जानते हैं कि हमारे देश में कोई नरसंहार नहीं हुआ. ये आरोप संदेहास्पद है, और हम अतीत में इससे निपट चुके है.”
“भारत ने सीधे तौर पर इस मामले को ख़ारिज कर दिया है. मुझे इस बात पर आश्चर्य नहीं है, कभी-कभी प्रधानमंत्री ट्रूडो अपमानजनक और अपुष्ट आरोप लगाते हैं.”
“हमने देखा कि पीएम ट्रूडो ने बीते दिनों दूसरे विश्व युद्ध के दौरान नाज़ियों से जुड़े एक व्यक्ति का ज़ोरदार स्वागत किया था.”
इससे पहले भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त मिलिंडा मोरागोड़ा ने कहा था कि कनाडा के आरोपों पर भारत की प्रतिक्रिया “दृढ़ और सीधी” रही है. श्रीलंका इस मामले पर भारत का समर्थन करता है.
दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मिलिंडा मोरागोड़ा से भारत और कनाडा के बीच चल रहे तनाव पर सवाल पूछा गया जिसके जवाब में उन्होंने कहा- “मुझे लगता है कि कनाडा के आरोपों पर भारत की प्रतिक्रिया बहुत स्पष्ट, दृढ़ और सीधी रही है. जहां तक हमारी बात है हम भारत को इस मामले पर समर्थन करते हैं.”
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा है कि खलिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत के एजेंट शामिल हो सकते हैं.
भारत ने कनाडा के इन आरोपों को साफ़ ख़ारिज करते हुए इसे बेतुका और प्रेरित आरोप बताया है.
कनाडा ने इन आरोपों के बाद भारत के एक राजनायिक को निष्कासित कर दिया, इसके जवाब में भारत ने भी कनाडा के एक राजनयिक को निकाल दिया.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडा स्थित वीज़ा सेंटर में काम कर रहे कर्मचारियों की सुरक्षा का हवाला देते हुए कनाडा में वीज़ा सेवा फिलहाल रोक दी है.
इसके अलावा भारत ने कनाडा को भारत में अपने उच्चायोग के स्टाफ़ को भी कम करने को कहा है.
भारत का कहना है कि दोनों देशों के स्टाफ़ की संख्या और रैंक समान होनी चाहिए. भारत में कनाडा उच्चायोग के स्टॉफ़ की संख्या भारत के कनाडा में स्थित उच्चायोग के मुकाबले काफ़ी ज़्यादा है.
Compiled: up18 News
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