पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही। इस बीच अदालत ने मंगलवार को दोनों के खिलाफ 190 मिलियन पाउंड के अल-कादिर भ्रष्टाचार मामले में आरोप तय किए हैं। न्यायाधीश नासिर जावेद राणा ने रावलपिंडी की उच्च सुरक्षा वाली अदियाला जेल में सुनवाई की। कई मामलों में इमरान इसी जेल में सजा काट रहे हैं।
न्यायाधीश ने अदालत कक्ष में इमरान खान और बुशरा बीबी की मौजूदगी में आरोप पत्र पढ़ा। अल-कादिर ट्रस्ट के नाम पर सैकड़ों नहरों की जमीन का कथित तौर पर अधिग्रहण किया गया था। मामले में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने इमरान खान, उनकी पत्नी और अन्य के खिलाफ जांच शुरू की थी। जिसमें सरकारी खजाने को 190 मिलियन पाउंड का नुकसान होने का मामला सामने आया था।
जिओ न्यूज की खबर के मुताबिक, सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने कहा कि मामले में 58 गवाहों के बयान दर्ज किए जाएंगे। न्यायाधीश ने इमरान खान के खिलाफ आरोप तय करते समय पूछा कि क्या वह दोषी हैं या नहीं। इमरान ने जवाब दिया, मुझे आरोप पत्र क्यों पढ़ना चाहिए, जब मुझे पता है कि उसमें क्या लिखा है? इमरान खान और उनकी पत्नी दोनों ने अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनका किया।
मामले की सुनवाई छह मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई। जवाबदेही अदालत ने एनएबी के पांच गवाहों को भी सुनवाई में शामिल होने का आदेश दिया। एक जवाबदेही अदालत ने तोशाखाना मामले में इमरान और बुशरा को 14 साल की सजा सुनाई थी। बुशरा को इमरान के इस्लामाबाद स्थित बनी गाला आवास में नजरबंद किया गया है।
क्या है अल-कादिर ट्रस्ट मामला
अल-कादिर ट्रस्ट मामला 190 मिलियन पाउंड के समझौते से जुड़ा है। जिसे ब्रिटेन की राष्ट्रीय अपराध एजेंसी ने पाकिस्तानी कारोबारी मलिक रियाज हुसैन से रकम वसूलने के बाद पाकिस्तान भेजा था। इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने रियाज पर 450 अरब रुपये का जुर्माना लगाया था। जिसके बाद इमरान ने प्रधानमंत्री रहते हुए कारोबारी को लंदन से लौटी रकम का इस्तेमाल करने की अनुमति कारोबारी को दे दी थी। इसके बदले कारोबारी ने कथित तौर पर इमरान खान और उनकी पत्नी के ट्रस्ट को पंजाब के झेलम जिले के सोहावा इलाके में अल-कादिर विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए करीब 57 एकड़ जमीन उपहार में दी थी।
-एजेंसी
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