उत्तर प्रदेश के मेरठ के लोहिया नगर थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा हुआ। जाकिर कॉलोनी गली नंबर सात में एक तीन मंजिला मकान ढह गया। बताया जा रहा है कि, मकान ढहने के बाद मलबे में परिवार के आधा दर्जन से ज्यादा लोग दब गए। सूचना के बाद पहुंची पुलिस और रेस्क्यू टीम ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। मौके पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी पहुंचे हैं।
उत्तर प्रदेश के मेरठ के लोहियानगर थाना क्षेत्र की जाकिर कॉलोनी में शनिवार शाम तीन मंजिला मकान गिर गया। इसके मलबे में छह बच्चों समेत 15 लोग और मवेशी दब गए। मलबे में दबने से दस की मौत हो गई।
मेरठ में कई दिनों से लगातार पड़ रही बारिश के दौरान शनिवार को लोहिया नगर क्षेत्र में बड़ा हादसा हो गया। लगभग 50 साल पुराना तीन मंजिला मकान भरभरा कर गिर गया। एक ही परिवार के 14 लोग और दर्जनों मवेशी मलबे के नीचे दब गए। हादसे के बाद एडीजी से लेकर जिले के तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। महिलाओं और बच्चों समेत नौ लोगों के शवों को निकाला जा चुका है।
जाकिर कॉलोनी गली नंबर सात में 90 साल की बुजुर्ग महिला नफो उर्फ नफीस का 300 गज में तीन मंजिला मकान है। बताया जाता है कि यह मकान लगभग 50 साल पुराना है। मकान के ग्राउंड फ्लोर पर नफो के बेटे डेयरी चलाते थे। जबकि, ऊपर की दो मंजिलों पर नफो के बेटे साजिद पत्नी सायमा और नईम पत्नी अलीशा 5 वर्षीय बेटी रिमशा, नदीम पत्नी फरहाना, 2 वर्षीय बेटा हमजा, शाकिर पत्नी साहिबा समेत 15 लोग रहते थे।
क्षेत्रवासियों के मुताबिक शनिवार शाम करीब 4:30 बजे यह मकान अचानक भरभरा कर जमींदोज हो गया। तेज धमाके के साथ इलाके में हड़कंप मच गया। घटना के बाद मौके पर भीड़ लग गई और चारों तरफ चीख-पुकार मच गई। जानकारी के बाद थाना पुलिस से लेकर एडीजी ध्रुवकांत ठाकुर, आईजी नचिकेता झा, कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे, डीएम दीपक मीणा और एसएसपी विपिन ताडा सहित कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंची।
मेरठ पुलिस ने क्षेत्रवासियों की मदद से मलबे को हटाने का काम शुरू किया। संकरी गलियों के चलते जेसीबी और एंबुलेंस भी मौके पर नहीं पहुंच सकी। कड़ी मशक्कत के बाद मलबे में दबे लोगों को निकाला गया। साजिद की पत्नी सायमा को भी निकाला गया, जिसकी हालत अस्पताल में गंभीर बनी हुई है।
साजिद (40) और उसकी दो पुत्री सानिया व रीजा और पुत्र साकिब समेत सात लोगों की मौत हो गई। सभी घायलों को अस्पताल भेजा गया। बताया गया कि मलबे में नफो का पूरा परिवार और डेयरी में पलने वाले लगभग 30 से अधिक मवेशी दब गए।
हादसे के बाद लगातार पड़ रही बारिश रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा बनी रही। एक तरफ जहां संकरी गलियों के कारण घटनास्थल पर रेस्क्यू के लिए जेसीबी सहित तमाम तरह के पर्याप्त संसाधन नहीं पहुंच सके। वहीं दूसरी तरफ तेज बारिश के दौरान मलबा हटाने में भी क्षेत्रवासियों और पुलिस को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
साभार सहित
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