आगरा: ADA की मनमानी के खिलाफ दहतोरा गांव के हजारो लोगों ने खोला मोर्चा, अपने घरों को बचाने को लड़ेंगे आर-पार की लड़ाई

स्थानीय समाचार

आगरा: आगरा विकास प्राधिकरण के उत्पीड़न के खिलाफ दहतोरा गांव के लोगों ने मोर्चा खोल दिया है। ग्रामीणों ने अपने हक की लड़ाई और अपने घरों को बचाने के लिए किसान मजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले एडीए से लोहा लेने की रणनीति भी तैयार कर ली है। इस संबंध में किसान मजदूर संघर्ष समिति ने मानसिंह रिसोर्ट पर एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया और अपने मंसूबों से सभी को रूबरू करा दिया। उन्होंने कहा कि इस बार ग्रामीण किसान अपने घरों को बचाने के लिए झूठे आश्वासन पर नहीं रहेगा बल्कि आर पार की लड़ाई लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

किसान मजदूर संघर्ष समिति के संयोजक मान सिंह लोधी का कहना है कि एडीए द्वारा ग्रामीणों का दशकों से उत्पीड़न किया जा रहा है। लगभग 400 से 500 मकान जो अधिग्रहण से पूर्व बने हुए हैं, उन पर भी एडीए जबरिया कार्रवाई करना चाहता है जबकि ग्रामीणों ने उक्त जमीन का मुआवजा अभी तक नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि एडीए के उत्पीड़न के खिलाफ ग्रामीणों में आक्रोश है। वह किसी भी कीमत पर अपने घर को उजाड़ने नहीं देंगे।

समिति के पदाधिकारी पुराना नक्शा दिखाते हुए बताते है कि भूमि अधिग्रहण दफ्तर में बैठकर किया गया है। हमें बार-बार आश्वासन मिलता है लेकिन स्थाई समाधान नहीं किया जा रहा है। करीब 5 हजार आबादी की सांस अटकी हुई है। 2005 में यूपी सरकार के मंत्री लालजी टंडन ग्रामीणों के पक्ष में आदेश दे चुके हैं। 2005 में एडीए से ग्रामीणों का जबरदस्त टकराव हुआ था। तमाम नेता दहतोरा में आए। आश्वासन देकर हमारा आंदोलन समाप्त करा दिया और आज तक हुआ कुछ नहीं। संघर्ष समिति के अरब सिंह राजपूत ने बताया कि गांव के परिक्रमा मार्ग के बाहर करीब 500 मकान बने हुए हैं। जब भूमि अधिग्रहण हुआ, तब भी बने हुए थे। अफसरों ने भौतिक सर्वेक्षण नहीं किया। इसलिए इन मकानों का उल्लेख अधिग्रहण के समय नहीं किया गया। चूंकि मकान पहले के बने हुए थे, इसलिए किसी ने मुआवजा भी नहीं उठाया। इन मकानों में पशुपालन किया जा रहा है। दुग्ध व्यवसाय करके जीवनयापन कर रहे हैं। एडीए ने हमारी कृषि भूमि ले ली और अब घर भी छीनना चाहता है। यह कैसी सरकार है जो एक ओर तो बेघरों को घर दे रही है और जिनके पास घर हैं, उनसे छीन रही है।

इस बार होगी आर पार की लड़ाई

संजीव लोधी ने कहा कि जहां भाजपा सरकार गरीबों को अशियाना दे रही है वहीं ए.डी.ए. द्वारा दशकों पुराने मकानों को तोड़ गरीबों को बेघर किया जा रहा है। आज गरीब, मजदूर, किसान भरी दोपहरी में धरने पर बैठने पर मजदूर है। ग्रामीण अन्तिम सांस तक अपने मकानों की लड़ाई लड़ते रहेंगे। भारतीय जनता पार्टी के नेता डॉ. सुनील राजपूत ने बताया कि एडीए मनमानी कर रहा है। इस बारे में पार्टी के नेताओं को अवगत करा दिया गया है। सांसद राजकुमार चाहर और मंत्री बेबीरानी मौर्य संसद व विधानसभा सत्र के कारण व्यस्त हैं। वे जैसे ही आगरा आएंगे, दहतोरा निवासियों के बीच अवश्य आएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक एडीए की मनमानी नहीं रुकेगी, धरना जारी रहेगा। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि इस बार की लड़ाई आर-पार की होगी चाहे कितना भी समय क्यों न लग जाए।


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