भारत अपने प्राचीन मंदिरों के लिए दुनियाभर में मशहूर है। यहां कई देवी-देवताओं के मंदिर हैं, जो अपने इतिहास और मान्यताओं के कारण जाने जाते हैं। चूंकि महाशिवरात्रि नजदीक है। ऐसे में हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो प्यार करने वालों को शरण देता है। कहते हैं इस मंदिर का संबंध महाभारत से भी है। यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के शांघड़ गांव में स्थित है, जिसका नाम शंगचूल महादेव मंदिर है। तो चलिए जानते हैं भोलेनाथ के इस अनोखे मंदिर के बारे में।
प्रेमी जोड़ों की मदद करता है मंदिर
ये मंदिर प्रेमी जोड़ों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। जब पूरा समाज इनके रिश्ते को स्वीकारने से इंकार कर देता है, तब भोलेबाबा का यह मंदिर उनकी मदद करता है। प्यार करने वाले लोगों के लिए भगवान शिव और माता पार्वती एक प्रेरणा हैं। कहते हैं कि भगवान शिव ने भी अपने प्रेम को हासिल करने के लिए कई सालों तक इंतजार किया था, तो वहीं माता पार्वती ने भी कई सालों तक तपस्यों की। मंदिर से जुड़े लोगों का मानना है, प्रेम जिस भी रूप में हो, उसे अपना लेना चाहिए।
प्रेमी जोड़ों का आश्रय है यह मंदिर
यह एक ऐसा अनोखा मंदिर है, जहां प्रेमी जोड़ों को आश्रय दिया जाता है। कुल्लू की सैंज घाटी में यह मंदिर 128 बीघा में फैला है। मंदिर की खूबसूरती लोगों को खूब भाती है। सालभर के अलावा महाशिवरात्रि पर हजारों लोग इस मंदिर में भोलेनाथ के दर्शन करने आते हैं।
भगवान शिव करते हैं जोड़े की रक्षा
कहते हैं कि जो जोड़े घर से भागकर आते हैं और शादी करना चाहते हैं, उनके लिए मंदिर में रहने और शादी कराने की पूरी व्यवस्था होती है। समाज भले ही उन्हें बुरी नजर से देखें, लेकिन गांव और मंदिर के लोग पूरे दिल से उनका स्वागत करते हैं। मान्यता है कि प्रेमी जोड़े की रक्षा स्वयं भोलेनाथ करते हैं। यहां पर किसी भी धर्म, जाति, समुदाय के जोड़े आ सकते हैं। सबसे अच्छी बात है कि इस मामले में यहां की पुलिस भी हस्तक्षेप नहीं करती।
तेज आवाज में बात करना है मना
इस मंदिर के अपने कुछ नियम हैं, जिसे हर किसी को मानना पड़ता है। यहां सिगरेट और शराब पीने की मनाही है। इसके अलावा कोई भी यहां तेज आवाज में न तो बात कर सकता है और न ही लड़ाई झगड़ा कर सकता है। इस इलाके में घोड़े की एंट्री पर रोक है। राहत की बात है कि प्रेमी जोड़ी खुद को यहां बहुत सुरक्षित महसूस करते हैं। इनकी शादी होने तक कोई भी इन्हें यहां से निकालने की हिम्मत नहीं कर सकता। इस मंदिर में पुलिस भूलकर भी नहीं आ सकती।
महाभारत काल से है इस मंदिर का संबंध
मान्यता के मुताबिक कौरवों के डर से पांडव शंगचूल महादेव मंदिर में आकर छिपे थे। कौरव जब यहां पहुंचे, तो भगवान शिव खुद प्रकट हुए और कहा कि उनके शरण में आए हुए लोगों का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता। हालांकि भगवान महादेव के डर से पांडव यहां से भाग गए थे।
कैसे पहुंचें शंगचुल मंदिर
भगवान भोलेनाथ के इस मंदिर में पहुंचने के लिए आपको पहले शांगढ़ पहुंचना होगा। कुल्लू मनाली जाने वाले बस ले सकते हैं, जहां आपको ऑट में उतरना होगा। अब नेउली से सैंज के लिए बस लें। शंगचुल मंदिर यहां से कुल 10 किमी की दूरी पर है।
Compiled: up18 News
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