लोकसभा चुनाव: इस बार केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के चार लाख जवान होंगे तैनात

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निकटवर्ती चुनावी राज्यों में सुरक्षा बल, ट्रेन और सड़क मार्ग के जरिए पोलिंग स्टेशन तक पहुंचेंगे। खास बात है कि इस बार पश्चिम बंगाल में केंद्रीय बलों सबसे ज्यादा कंपनियां तैनात की जा रही है। यहां पर सात चरणों में चुनाव होगा।

बांग्लादेश की सीमा से लगते इस राज्य में 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान, केंद्रीय बलों की 750 कंपनियां तैनात की गई थीं। इस बार केंद्रीय बलों की संख्या में इजाफा किया गया है। पश्चिम बंगाल में 920 कंपनियां उतरेंगी, तो वहीं जम्मू कश्मीर में 635 कंपनियों की तैनाती की जाएगी।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, चुनाव के दौरान हिंसा को रोकने का खास इंतजाम किया गया है। हर जिले में एक कंट्रोल स्थापित होगा। इसके लिए डीएम और एसपी को सख्त हिदायत दी गई है। जिन राज्यों की सीमा अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर से लगती है, वहां पर ड्रोन से नजर रखी जाएगी। हिस्ट्रीशीटर एवं दूसरे अपराधियों पर निगरानी रहेगी। इस चुनाव में बाहुबल के इस्तेमाल के लिए कोई जगह नहीं होगी। केंद्रीय बलों के साथ विभिन्न राज्यों की पुलिस भी तैनात रहेगी। छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, ओडिशा, तेलंगाना और महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित इलाकों में 400 से अधिक कंपनियां तैनात की जा सकती हैं।

निष्पक्ष एवं स्वतंत्र लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में केंद्रीय बलों की 300 कंपनियां तैनात की जाएंगी। उत्तर प्रदेश में 252, आंध्र प्रदेश में 250, तमिलनाडु में 200, पंजाब में 250, झारखंड में 250, गुजरात में 200, मणिपुर में 200, राजस्थान में 200, असम में 160, तेलंगाना में 160, महाराष्ट्र में 150, मध्यप्रदेश में 115 व त्रिपुरा में 100 कंपनियों की तैनाती होगी। इनके साथ ही कई दूसरे राज्यों में भी केंद्रीय अर्धसैनिक बल उतारे जाएंगे।

हरियाणा में केंद्रीय बलों की 95 कंपनियां, दिल्ली में 70, कर्नाटक में 70, उत्तराखंड में 70, केरल में 70, अरुणाचल प्रदेश में 75, लद्दाख में 55 और हिमाचल प्रदेश में 55 कंपनियां भेजी जा रही हैं। नागालैंड में 48, सिक्किम में 17, मेघालय में 45, दादरा और नगर हवेली में 14, गोवा में 12, मिजोरम में 15, चंडीगढ़ में 11, पुड्डुचेरी में 10, अंडमान एंड निकोबार में 5 और लक्ष्यद्वीप में केंद्रीय बलों की तीन कंपनियां तैनात की जाएंगी।

केंद्र सरकार के सूत्रों के मुताबिक इस बार पश्चिम बंगाल में केंद्रीय बलों की ज्यादा कंपनियां तैनात की जा रही हैं। 920 कंपनियों के अलावा स्ट्रांगरूम की सुरक्षा के लिए भी केंद्रीय बलों को तैनात किया जा रहा है। इसके लिए केंद्रीय बलों की 22 अतिरिक्त कंपनियां पश्चिम बंगाल में भेजी जाएंगी।

किसी भी सूरत में चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा नहीं होने दी जाएगी। हर पोलिंग स्टेशन पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती होगी। राज्य में केंद्रीय सशस्त्र बल (सीएपीएफ) की लगभग दो सौ कंपनियां पहले ही तैनात की जा चुकी हैं। संदेशखाली के आसपास डेढ़ दर्जन कंपनियां तैनात हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त, राजीव कुमार ने पश्चिम बंगाल के दौरे के दौरान राज्य की प्रशासनिक मशीनरी को कठोर संदेश देते हुए कहा था कि किसी भी कीमत पर चुनाव में हिंसा नहीं होनी चाहिए।

-एजेंसी