पाकिस्तान में यह बाजार है ‘हथियारों की मंडी’, यहां एक रसोई गैस सिलेंडर के दाम पर मिलती है AK सीरीज की राइफल

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अल जजीरा का रिपोर्ट के अनुसार चाहें चीनी पिस्तौल की कॉपी हो या अमेरिका की M16 ऑटोमैटिक राइफल या ऑस्ट्रियन ग्लॉक सेमीआटोमैटिक पिस्तौल, पाकिस्तान की इस गन मार्केट में हर बंदूक बनाई जाती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यहां की ‘हवा में ही बारूद और धातु की गंध’ है। यहां के बंदूक कारखानों ने खैबर आदिवासी जिले में मजदूरों की कई पीढ़ियों को रोजगार दिया है। बंदूक की एक दुकान के मालिक 67 साल के बनत खान कहते हैं कि मेरे पिता और उनके पिता… हम यह तब से कर रहे हैं जब अंग्रेज यहां शासन करते थे।

गैस सिलेंडर के दाम पर AK सीरीज की राइफल

रिपोर्ट के अनुसार खान की दुकान से आप M16 राइफल की एक लोकल कॉपी 30 हजार पाकिस्तानी रुपए या वास्तविक कीमत के लगभग एक चौथाई दाम पर खरीद सकते हैं। अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी सैनिक इसी बंदूक का इस्तेमाल करते थे।

एक सेमी-ऑटोमैटिक AK-74 Krinkov असॉल्ट राइफल, जो AK-47 बंदूक का अपग्रेड वर्जन है, यहां की बेस्टसेलर है। इसकी कीमत 10 हजार पाकिस्तानी रुपए है। वर्तमान में पाकिस्तान में एलपीजी गैस के एक कमर्शियल सिलेंडर की कीमत लगभग 10 हजार रुपए है। एक साधारण पिस्टल यहां सिर्फ 3 हजार पाकिस्तानी रुपए में खरीदी जा सकती है।

पाकिस्तानी तालिबान भी करता है इस्तेमाल

दर्रा का बाजार दशकों से अस्तित्व में है। यहां बनाए गए हथियारों का इस्तेमाल सोवियत सेना के खिलाफ अफगान युद्ध में और 2007 में पाकिस्तान सरकार और पाकिस्तानी तालिबान की लड़ाई, दोनों में किया गया।

यूट्यूब पर एक वीडियो में कारखानों में लोगों को हथियार बनाते और उनकी टेस्टिंग करते देखा जा सकता है। पाकिस्तान में यह बाजार ‘हथियारों की मंडी’ है जहां सब्जियों के बजाय सिर्फ बंदूकें मिलती हैं। क्षेत्र में फैलने वाली अशांति में इस बाजार का बड़ा योगदान है।

Compiled: up18 News


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