इन दिनों लिवर खराब होने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और इसकी सबसे बड़ी वजह है हमारा गलत खानपान, जिसमें फैट की मात्रा बहुत अधिक होती है लिहाजा खुद को स्वस्थ कैसे रखें, यहां जानें।
वसायुक्त यकृत यानी फैटी लिवर एक ऐसी बीमारी है जो शरीर में बहुत ज्यादा फैट बनने के कारण होती है, जिससे आपका लिवर डैमेज हो सकता है। साल 2017-18 की तुलना में इस साल नॉन-ऐल्कोहल फैटी लिवर डिजीज NAFLD के मामलों में वृद्धि हुई है। हालांकि, अभी तक कोई निश्चित आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं लेकिन डॉक्टर्स का कहना है कि वे हर महीने कम से कम 10 से 12 नए मामले देख रहे हैं जो हर आयु वर्ग के हैं।
लिवर सूजन के 20% मामले सिरॉसिस के
वैसे तो NAFLD के सभी मामले घातक नहीं होते लेकिन इनकी अनदेखी आगे चलकर परेशानी का सबब बन सकती है। एक बार पता लगने के बाद रोगी को यह जानने के लिए आगे के परीक्षणों से गुजरना होता है कि लिवर में जख्म या सूजन तो नहीं है। लिवर सूजन के लगभग 20 प्रतिशत मामलों में सिरॉसिस विकसित होने की संभावना होती है। लिवर सिरॉसिस को साइलंट किलर के रूप में जाना जाता है। जब तक स्थिति में प्रगति न हो, तब तक लक्षण स्पष्ट नहीं दिखते।
हेल्दी लिवर में फैट बिलकुल नहीं होना चाहिए
डॉ. के के अग्रवाल का इस बारे में कहना है कि NAFLD में लिवर की अनेक दशाओं को शामिल माना जाता है, जो ऐसे लोगों को प्रभावित करती हैं जो शराब नहीं पीते हैं। जैसा कि नाम से पता चलता है, इस स्थिति की मुख्य विशेषता लिवर कोशिकाओं में बहुत अधिक वसा का जमा होना है। एक हेल्दी लिवर में कम या बिल्कुल भी फैट नहीं होना चाहिए। NAFLD की मुख्य जटिलता सिरॉसिस है, जो लिवर में देर से पड़ने वाले निशान (फाइब्रोसिस) हैं। सिरोसिस लिवर की चोट की प्रतिक्रिया में होता है और लिवर सूजन को रोकने की कोशिश करता है और इसके लिए यह स्कारिंग क्षेत्रों (फाइब्रोसिस) को उत्पन्न करता है। निरंतर सूजन के साथ, फाइब्रोसिस अधिक से अधिक लिवर ऊतक ग्रहण करने के लिए फैलता है।’
फैटी लिवर की समस्या के लक्षण
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि इस स्थिति के कुछ संकेतों और लक्षणों में बढ़ा हुआ लिवर, थकान और ऊपरी दाएं पेट में दर्द शामिल है। जब यह सिरॉसिस की ओर बढ़ता है तो यह जलोदर, बढ़ी हुई वाहिकाओं, तिल्ली, लाल हथेलियों और पीलिया का कारण बन सकता है।
NAFLD वाले लोगों में हृदय रोग विकसित होने की अधिक संभावना रहती है और यह उनमें मृत्यु के सबसे आम कारणों में से एक है। वजन में लगभग 10 प्रतिशत की कमी लाने से फैटी लिवर और सूजन में सुधार हो सकता है।
– फैटी लिवर से बचने के लिए दालचीनी का सेवन करें
कुछ अध्ययनों के अनुसार, दालचीनी अपने ऐंटिऑक्सिडेंट और इंसुलिन-सेंसिटाइजर गुणों के कारण लिपिड प्रोफाइल और NAFLD को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है।
– फल-सब्जी खाएं
फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और स्वस्थ वसा से भरपूर वनस्पति आधारित आहार का सेवन करें।
कैलरी काउंट करें
– यदि आप अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं, तो प्रत्येक दिन खाने वाली कैलरी की संख्या कम करें। यदि आपका स्वस्थ वजन है, तो स्वस्थ आहार का चयन करके और व्यायाम करके इसे बनाए रखने की कोशिश करें।
– हर दिन करें एक्सर्साइज
सप्ताह के अधिकांश दिनों में व्यायाम करें। हर दिन कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि करने की कोशिश करें।
-एजेंसियां
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