आगरा: उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने आगरा मेट्रो के ऐलिवेटिड भाग में यातायात को सामान्य करने और बैरिकेडिंग हटाकर मीडियन बनाने का काम शुरू कर दिया है। इसके साथ ही वर्षा जल संचयन हेतु मीडियन में रेन वॉटर हारवेस्टिंग पिट्स बनाने के लिए बोरिंग भी की जा रही है। इन पिट्स की मदद से वर्षा जल को वापस जमीन में भेजा जाएगा, जिससे भूगर्भ जल के स्तर को सुधरने में मदद मिलेगी। आगरा मेट्रो द्वारा डिपो परिसर व कॉरिडोर में 300 से अधिक पिट बनाए जाएंगे।
बता दें कि ताज ईस्ट गेट से जामा मस्जिद के बीच बन रहे प्रायॉरिटी सेक्शन के ऐलिवेटिड भाग में तेज गति के साथ निर्माण किया जा रहा है। फिलहाल, आगरा मेट्रो टीम द्वारा प्रथम कॉरिडोर के छोर से बसई स्टेशन तक सभी यू गर्डर सफलतापूर्वक रखे जा चुके हैं। ऐसे में यातायात को पहले की तरह सुगम बनाने के लिए आगरा मेट्रो द्वारा बैरिकेडिंग हटाकर मीडियन बनाने का काम शुरू कर दिया गया है।
वर्षा जल संचयन के लिए आगरा मेट्रो द्वारा मीडियन में ही रेन वॉटर हारवेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं। फिलहाल, इसके चिन्हित जगहों पर बोरिंग की जा रही है। बोरिंग के बाद इन जगहों पर पिट्स बनाए जाएंगे। जिससे बारिश के दौरान वायाडक्ट में एकत्र होने वाले पानी को पिलर में लगे ड्रेन पाइप के जरिए इन पिट्स में भेजा जाएगा, इसके बाद पिट्स में एकत्रित पानी बोरिंग के जरिए वापस जमीन में चला जाएगा, जिससे भूगर्भ जलस्तर में सुधार आएगा।
आगरा मेट्रो का निर्माण पूर्ण होने के बाद वर्षा जल संचयन संयंत्र (रेन वॉटर हारवेस्टिंग सिस्टम) की मदद से एक वर्षा काल में लगभग 10 लाख लीटर पानी को एकत्र कर पिट के जरिए वापस जमीन में पहुंचाया जाएगा, जिससे निश्चित तौर पर भूमिगत जल के स्तर में सुधार आएगा। यूपी मेट्रो लखनऊ में हर वर्ष लगभग 15-20 लाख लीटर वर्षा जल को रेन वॉटर हारवेस्टिंग सिस्टम के जरिए वापस भूगर्भ में पहुंचा कर भूगर्भ जल के स्तर को सुधारने में अपना योगदान देता है।
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