प्रस्‍ताव: चार हिस्सों में बांटी जा सकती है कर्ज में डूबी अनिल अंबानी की रिलायंस कैपिटल

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अंतिम फेज में है बोली प्रक्रिया

कर्ज में डूबी कंपनी के लिए बोली प्रक्रिया पहले से ही अंतिम फेज में है। रिलायंस कैपिटल के जनरल इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस वेंचर्स को खरीदने की लिस्ट में चार कंपनियां पिरामल, ज्यूरिख, एडवेंट प्राइवेट इक्विटी और आदित्य बिड़ला कैपिटल शामिल हैं।

RBI से मांगी गई मंजूरी

रिपोर्ट्स के मुताबिक रिलायंस कैपिटल के एडमिनिस्ट्रेटर ने आरबीआई को  लेटर लिखकर प्रस्ताव पर अपनी राय/ मंजूरी मांगी है। आरबीआई के मौजूदा नियमों के तहत एक कंपनी में एक से अधिक CIC की अनुमति नहीं है। इसलिए, रिलायंस कैपिटल सीआईसी में से 4 सीआईसी के पुनर्निर्माण के लिए आरबीआई की हरी झंडी की आवश्यकता होगी।

ये हैं प्रस्तावित चार सीआईसी

प्रस्तावित चार सीआईसी हैं: रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी (आरजीआईसी), रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी (आरएनएलआईसी), आरसीएपी के अन्य सभी कारोबार, जिनमें रिलायंस सिक्योरिटीज, एआरसी, प्राइवेट इक्विटी, इन्वेस्टमेंट रियल एस्टेट, रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस और रिलायंस होम फाइनेंस आदि  शामिल हैं।

क्या है CIC?

आरबीआई नियम  के मुताबिक CIC एक एनबीएफसी है जो शेयरों और सिक्योरिटीज के अधिग्रहण का कारोबार करती है। इनमें  समूह की कंपनियों में  नेट  संपत्ति का 90 प्रतिशत शेयरों, बांड्स, डिबेंचर, डेबिट या लोन में निवेश रूप में होता है। रिलायंस कैपिटल में करीब 20 फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनियां हैं। बता दें कि आरबीआई ने 29 नवंबर, 2021 को भुगतान चूक और अन्य कारणों के बाद आरसीएल के बोर्ड को हटा दिया था।

-एजेंसी