सूफी खानकाह एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कौसर हसन मजीदी ने PFI पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पीएफआई पिछले दो सालों से ISIS के लिए लड़ाके भर्ती कर रहा था। वो देश को नौजवानों को भटकाकर आतंकवादी बना रहा था। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यों में लिप्त पीएफआई को बैन कर देना चाहिए।
मजीदी ने कहा कि पीएफआई जिस तरह की विचारधारा रखती है, वो देश के लिए ठीक नहीं है। यह संगठन देश के खिलाफ काम कर रहा है। इसने पिछले दो सालों से आईएसआईएस के लिए भारत में लड़ाकों की भर्ती की। मजीदी ने कहा कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया समाज में जहर घोलने का काम कर रहा है।
दरअसल, देशभर में PFI के कई ठिकानों पर NIA और ED ने कल 22 सितंबर को छापेमारी की। इस दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी ने पीएफआई के 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई के बाद 23 सितंबर को केरल में पीएफआई द्वारा बंद बुलाया। बंद के दौरान तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई हैं। इसके बाद सूफी खानकाह एसोसिएशन समेत कई संगठनों ने पीएफआई को बैन करने की मांग की है।
बता दें कि मजीदी ने अपनी मांगों को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा है। पत्र में उन्होंने पीएफआई के खिलाफ साक्ष्यों के आधार पर लिखते हुए कहा कि उन्हें सरहद पार से लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। देश के खिलाफ पीएफआई की चल रही गतिविधियों के चलते उसे प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।
मजीदी ने कहा कि पीएफआई के लोग मुस्लिम युवाओं को बहलाकर आतंकी बना रहे थे। उन्हें देश के खिलाफ युद्ध के लिए तैयार कर रहे थे। धर्म परिवर्तन के जरिए ये ISIS के लिए तैयार कर रहे थे। मजीदी ने कहा कि पीएफआई को बैन करने की हमारी पुरानी मांग है, लेकिन इसे बैन करना कोई ठोस कदम नहीं होगा क्योंकि जब तक इस तरह की विचारधारा पर लगाम नहीं लगाई जाती, तब तक ऐसे संगठन पनपते रहेंगे।
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