लखनऊ। उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में लंबे समय से चला आ रहा प्रदेश अध्यक्ष का सस्पेंस आज खत्म होने की पूरी संभावना है। शुक्रवार को नामांकन प्रक्रिया शुरू होते ही भाजपा नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम का अनौपचारिक ऐलान कर सकती है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी का नाम लगभग तय माना जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि यदि पंकज चौधरी के अलावा किसी अन्य नेता का नामांकन नहीं होता है तो आज ही प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर मुहर लग जाएगी। बताया जा रहा है कि दोपहर करीब दो बजे तक उनके नाम का अनौपचारिक ऐलान भी किया जा सकता है। पार्टी के भीतर चर्चा है कि पंकज चौधरी के अलावा किसी दूसरे उम्मीदवार के मैदान में उतरने की संभावना बेहद कम है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पंकज चौधरी के प्रस्तावक हो सकते हैं। यदि अध्यक्ष पद के लिए केवल एक ही नामांकन आता है और चुनाव की स्थिति नहीं बनती है, तो आज ही यह साफ हो जाएगा कि उत्तर प्रदेश भाजपा का अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा।
प्रदेश अध्यक्ष की औपचारिक घोषणा भाजपा रविवार को करेगी। रविवार दोपहर 12 बजे लखनऊ के एक बड़े सभागार में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसी कार्यक्रम में राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नामों का भी ऐलान किया जाएगा। इसी कारण अधिकांश सांसद आज लखनऊ में ही मौजूद रहेंगे, जिन्हें राष्ट्रीय परिषद के नामांकन के लिए बुलाया गया है।
हालांकि पंकज चौधरी के अलावा कुछ अन्य नाम भी चर्चा में रहे हैं। इनमें केंद्रीय राज्य मंत्री बीएल वर्मा और पूर्व सांसद निरंजन ज्योति का नाम शामिल है, लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि इन नेताओं के नामांकन की संभावना फिलहाल बेहद कम है।
प्रदेश अध्यक्ष के चयन को लेकर सस्पेंस बनाए रखकर भाजपा ने इसे लगभग एक बड़े राजनीतिक इवेंट का रूप दे दिया है। पार्टी ने यह भी लगभग तय कर लिया है कि इस बार उत्तर प्रदेश में ओबीसी चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाएगा, जिसे भाजपा की रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है। पंकज चौधरी ओबीसी वर्ग की कुर्मी बिरादरी से आते हैं और वे सात बार सांसद रह चुके हैं। ऐसे में यदि उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जाती है, तो यह यूपी की राजनीति में एक बड़ा संदेश माना जाएगा।
अगर पंकज चौधरी प्रदेश अध्यक्ष बनते हैं तो मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष दोनों ही पूर्वांचल से होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से हैं, जबकि पंकज चौधरी महराजगंज से आते हैं। दोनों जिले एक-दूसरे से सटे हुए हैं। ऐसे में जहां एक ओर भाजपा ओबीसी और खासकर कुर्मी वोटरों को साधने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष का लगभग एक ही क्षेत्र से होना राजनीतिक हलकों में कुछ सवाल भी खड़े कर रहा है।
गौरतलब है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को ओबीसी वर्ग, विशेषकर कुर्मी समाज की नाराजगी का सामना करना पड़ा था। अब पंकज चौधरी के नाम के जरिए पार्टी इस वर्ग को दोबारा अपने पक्ष में करने की रणनीति पर आगे बढ़ती नजर आ रही है।

