फरीदाबाद में भव्य ‘हिन्दू एकता शोभायात्रा’ के माध्यम से “हिन्दू राष्ट्र” हेतु संगठित होने का हिन्दुओं ने लिया संकल्प !
फरीदाबाद– सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ.जयंत अठावले जी की 81वे जन्मोत्सव के निमित फरीदाबाद में 07 मई 2023 को शाम 4:30 बजे से भव्य ‘हिन्दू एकता शोभायात्रा’ का आयोजन सिद्ध पीठ हनुमान मंदिर, एन.आई.टी. – 2 से किया गया। हिन्दू राष्ट्र स्थापना का प्रण लेकर महाबली हनुमान जी के आशीर्वाद से 150 से अधिक हिन्दुओं ने ‘हिन्दू एकता शोभायात्रा’ द्वारा हिन्दू राष्ट्र हेतु संगठित होने का संकल्प लिया ।
गुरु परंपरा का प्रतिनिधित्व करती पालकी – हिन्दू राष्ट्र पर प्रेरक विचार प्रस्तुत करता चित्ररथ, छत्रपति शिवाजी महाराज, भारत माता, झांसी की रानी लक्ष्मी बाई के वेश में प्रदर्शन दिखा रहे बच्चे तथा हाथों में प्रतीकात्मक तलवार लिए रणरागिनी की युवतियों ने दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया। शोभायात्रा के समय जय श्रीराम , हर हर महादेव, जयतु जयतु हिंदूराष्ट्रम, कौन चले रे.. कौन चले… हिंदू राष्ट्र के वीर चले…, एक ही नारा एक ही नाम जय श्रीराम जय श्रीराम की घोषणाओं से क्षेत्र गुंजायमान हो उठा ! इस समय विभिन्न संप्रदायों के साधकों ने ‘श्री राम जय राम जय जय राम’ का जाप कर चैतन्य में जोड़ा।
शोभायात्रा का आरंभ सिद्ध पीठ हनुमान मंदिर कमेटी के श्री.यशपाल मेहंदीरत्ता ( राजू जी ) तथा अन्य सदस्यों के हाथों से ब्रह्मध्वज पूजन कर शंखनाद से हुआ। समाज के अनेक श्रद्धालु उत्स्फूर्तता से यात्रा में सहभागी होकर पालखी में रखी परात्पर गुरु डॉ. जयंत अठावले जी की प्रतिमा पर पुष्प वृष्टि कर रहे थे । शोभायात्रा के समय बारिश के माध्यम से वरुण देवता ने सभी हिन्दू राष्ट्र वीरों को आशीर्वाद ही दिया। जैसे ही यात्रा सनातन धर्म मंदिर पर पहुंची श्री राम जी की घोषणा से वातावरण भक्तिमय हो गया ।
शोभायात्रा समापन अवसर पर सनातन संस्था की प्रवक्ता कु. कृतिका खत्री जी ने कहा कि जिस प्रकार हिन्दू एकता का आविष्कार फरीदाबाद में हुआ, उसी प्रकार सभी हिन्दुओं को एकत्रित होकर सनातन धर्म राज्य की स्थापना हेतु एक होकर कार्य करना होगा। उन्होंने आगे कहा कि हिन्दू होने के नाते हमे पांच संकल्प लेने होंगे, इसमें प्रतिदिन सभी महिलाएं गोल कुमकुम तथा पुरुष खड़ा तिलक लगाएं, घर से बाहर निकलते समय भगवान को प्रार्थना करके निकालें, किसी से मिलते समय हाय-हेलो के स्थान पर जय श्रीराम बोलकर अभिवादन करें, जन्मदिन तिथि के अनुसार मनाएं, हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए तन मन धन का त्याग करें, ऐसे आव्हान सभी को किया गया।
हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगले ने कहा कि हम तो हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए संकल्पबद्ध हैं, हमें आवश्यकता है कि हम भी अपने आस-पड़ोस, मित्र, परिवार और सगे संबंधियों को हिन्दू राष्ट्र के लिए संकल्पित करें, जो वृद्धजन बाहर जाकर कार्य नहीं सकते वे हिंदू राष्ट्र के लिए प्रतिदिन पांच बार प्रार्थना कर सकते हैं, उन्होंने आगे कहा कि संगठित शक्ति ही कलयुग में धर्म शक्ति मानी गई है अतः सर्व हिन्दुओं को संगठित होकर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु प्रयास करने की आवश्यकता है।
इस शोभायात्रा में पीठ परिषद के हरियाणा प्रांत संयोजक श्री. प्रवीण गुप्ता जी, निष्काम सेवा समिति के प्रधान श्री. हुकुमचंद पाली सेठिया जी, एस.जी.एम नगर स्थित नेहा पब्लिक स्कूल के शिक्षक तथा 25 विद्यार्थी, राजीव दीक्षित स्वदेशी रक्षक संघ के संस्थापक श्री.अरविंद त्यागी जी, युवा राष्ट्र चिंतन समिति – डबुआ कॉलोनी के स्वयंसेवक , 3-जी मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री.प्रेम खट्टर जी, अखिल विश्व गायत्री परिवार के साधक, ग्रीन इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट, बालाजी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के प्रतिनिधि, बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद, धर्म जागरण समन्वय के धर्मप्रेमी, हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक, सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगले जी, रणरागिनी, सनातन संस्था की प्रवक्ता कु. कृतिका खत्री इत्यादि उपस्थित थे ।
इस शोभायात्रा के कारण फरीदाबाद का एन.आई. टी. -2 और 3 का क्षेत्र भगवामय हो गया और शोभायात्रा के कारण लोगों का सनातन धर्म के प्रति विश्वास एक बार फिर दृढ़ हो गया। यह शोभायात्रा सिद्ध पीठ हनुमान मंदिर एन.आई. टी. -2 से प्रारंभ होकर सनातन धर्म मंदिर एन.आई. टी. – 3 पर समाप्त हुई । शोभायात्रा के आगे धर्मध्वज, पीछे सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. जयंत अठावले की प्रतिमा से सजी पालकी, सिर पर कलश लिए साड़ी पहने महिलाओं का दल, विविध संगठनों के कार्यकर्ता, हाथों में धर्माचरण, धर्मशिक्षण, हिन्दू राष्ट्र के हस्तफलक और भगवा ध्वज पकडे विद्यार्थी, स्वयंसेवक, धर्मप्रेमी और साधक उपस्थित थे । हिन्दू धर्म पर होनेवाले आघात तथा उसपर समाधान के रंगीन हस्त फलक, फ्लेक्स और सुवचन सभी लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे थे। समाज के लोग धर्मध्वज और पालकी को नमस्कार कर रहे थे।