जो सबसे योग्य है उसी को जज बनाया जाना चाहिए, कॉलेजियम सिस्टम अपारदर्शी: कानून मंत्री

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रिजिजू मुंबई में हुए एक कार्यक्रम के दौरान न्यायपालिका में सुधार के मसले पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में सरकारें ही जजों को नियुक्त करती आ रही हैं जबकि भारत में जज ही जज की नियुक्ति करते हैं। मैं न्यायपालिका या जजों का आलोचक नहीं, मगर सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम सिस्टम से मैं नाखुश हूं। कोई भी सिस्टम परफेक्ट नहीं होता और हमें इसे बेहतर बनाने की कोशिश करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिस्टम को जवाबदेह और पारदर्शी होना चाहिए। अगर यह अपारदर्शी रहा तो इसके खिलाफ कानून मंत्री के अलावा और कौन आवाज उठाएगा। उन्होंने साथ ही जोड़ा कि मेरी कही हुई बातें वकील समुदाय और कुछ जजों की राय को भी जाहिर करती हैं।
रिजिजू ने कहा कि जब जजों की नियुक्ति के लिए नेशनल जुडिशियल अपॉइंटमेंट्स कमीशन एक्ट बना तो सुप्रीम कोर्ट ने उसे नामंजूर कर दिया। तब सरकार इस पर कुछ कर सकती थी मगर सरकार न्यायपालिका की इज्जत करती है इसलिए कुछ नहीं कहा।

जिन्हें जानते हैं, उनकी सिफारिश कर रहे जज

कानून मंत्री ने कहा कि मौजूदा कॉलेजियम सिस्टम की सबसे बड़ी खामी यह है कि जज जिन्हें जानते हैं, उनका नाम जज बनाने के लिए आगे बढ़ाते हैं। वो ऐसे किसी नाम को आगे नहीं बढ़ाएंगे जिन्हें वे जानते नहीं। मेरा मानना है कि सबसे योग्य का ही चयन होना चाहिए न कि जिसे कॉलेजियम जानता हो।

सरकार को जज चुनने हों तो… 

किरेन रिजिजू ने कहा कि अगर जज चुनने का काम सरकार को मिल जाए तो वह कोई फैसला लेने से पहले इंटेलिजेंस ब्यूरो और बाकी जगह से मिली रिपोर्टों को संज्ञान में लेगी। जज या न्यायपालिका के पास ये सब नहीं होता। वैसे भी जजों को प्रशासनिक काम में उलझने के बजाय न्याय करने पर ज्यादा समय देना चाहिए।

Compiled: up18 News