संसद की 96 साल पुरानी इमारत में कार्यवाही का आज आखिरी दिन था। आजादी और संविधान को अपनाने की गवाह इस इमारत को विदाई देने पक्ष-विपक्ष के तमाम सांसद पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबके साथ फोटो खिंचवाई। इसके बाद तमाम सांसद सेंट्रल हॉल पहुंचे।
सेंट्रल हॉल में अपने अनुभव साझा करते समय कुछ सांसद भावुक हुए, तो किसी ने इसे गौरव का पल कहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद का सेंट्रल हॉल हमें भावुक भी करता है और कर्तव्य के लिए प्रेरित भी करता है। यहीं 1947 में अंग्रेजी हुकूमत ने सत्ता हस्तांतरण किया। बाद में संविधान ने भी यहीं आकार लिया।
PM ने कहा- आज हम यहां से विदाई लेकर संसद के नए भवन में बैठने वाले हैं और ये बहुत शुभ है कि गणेश चतुर्थी के दिन वहां बैठ रहे हैं। आज नए संसद भवन में हम सब मिलकर, नए भविष्य का श्री गणेश करने जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने पुराने संसद भवन को संविधान सदन के नाम से बुलाने का प्रस्ताव रखा। सेंट्रल हॉल में मौजूद सांसदों ने मेज थपथपाकर इसकी सहमति दी। मोदी ने कहा, पुराने सदन की गरिमा कभी कम नहीं होनी चाहिए। संविधान सदन से हमारी प्रेरणा बनी रहेगी।
Compiled: up18 News