उत्तर प्रदेश के उन्नाव में स्वास्थ्य विभाग के अफसरों और एक नर्सिंग होम संचालकों के बीच बड़ी मिलीभगत सामने आई है. यहां जिस नर्सिंग होम को CMO ने सील कर दिया था, उसी नर्सिंग होम में उपचार के दौरान एक महिला की मौत हो गई. CMO द्वारा सील नर्सिंग होम सिद्धिविनायक में रविवार को महिला को पेट दर्द की तकलीफ होने पर भर्ती कराया गया था. उपचार के नाम पर उससे 40 हजार रुपये भी जमा कराए गए.
इस महिला के गॉल ब्लैडर में दिक्कत होने के बाद ऑपरेशन किया गया, जहां बुधवार को महिला की हालत बिगड़ गई और मौत हो गई. महिला की मौत के बाद नर्सिंग होम स्टाफ ने लाश सौंप दी. इस घटना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया. मृतक के परिजनों ने अस्पताल स्टाफ पर हत्या का आरोप लगाते हुए सड़क जाम कर हंगामा किया.
ऐसे में CMO द्वारा सीज किए गए अस्पताल में कैसे इलाज चल रहा था, इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर सवाल उठ रहे हैं. उधर CMO उन्नाव ने सफाई देते हुए जांच के साथ ही सिद्धि विनायक अस्पताल प्रबंधक के खिलाफ FIR की बात कही.
बता दें कि उन्नाव के पुरवा कस्बे में संचालित हो रहे सिद्धि विनायक नर्सिंग होम के मानक विहीन पाए जाने पर CMO डॉ. सत्यप्रकाश ने 7 दिन पहले अस्पताल का रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर उसे सील कर दिया था. इस बीच रविवार को असोहा थाना क्षेत्र के रहने वाले नरेश की पत्नी आरती की तबियत बिगड़ने पर एक बिचौलिए ने उसे इसी नर्सिंग होम में भर्ती करा दिया.
यहां महिला की तबियत बिगड़ने पर इस अवैध नर्सिंग होम के स्टाफ ने गर्भाशय में गांठ बताकर तत्काल ऑपरेशन के लिए कहा. परिजनों ने इसके लिए सहमति दे दी, जिसके बाद महिला का ऑपरेशन किया गया. इसके बाद बुधवार को महिला की हालत बिगड़ने पर हॉस्पिटल स्टाफ ने कानपुर ले जाने को कहा. हालांकि इसी बीच महिला की मौत हो गई.
महिला की मौत से गुस्साए परिजनों ने सड़क जाम कर अस्पताल की लापरवाही से मौत होने का आरोप लगाया है. हालांकि पुलिस ने उन्हें समझा बुझाकर रास्ते को खाली कराया और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
वहीं इस मामले को लेकर उन्नाव के CMO डॉ. सत्यप्रकाश ने जांच कराने की बात कही है. डॉ. सत्यप्रकाश ने बताया कि सिद्धि विनायक हॉस्पिटल के खिलाफ पूर्व में मानक विहीन संचालन की शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसकी जांच करवाने के बाद उसका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया था. यह अस्पताल दोबारा चालू हुआ है, इसकी जानकारी नहीं है, अगर ऐसा हुआ है तो जांच कराकर संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.
-एजेंसियां