खाना खाते समय फोन इस्तेमाल न करने की अवधारणा दुनिया में तेजी से बढ़ रही है। फिर चाहे इसे नियम बनाया जाए या यह व्यक्तिगत पसंद हो। ऐसे समय में जब फोन जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं, तब कुछ रेस्त्रां मालिक हमें गैर-डिजिटल युग के डिनर की ओर ले जाना चाहते हैं।
वे चाहते हैं कि हम अपने डिवाइस छोड़ें और दोस्तों या परिवार से बात करते हुए भोजन का आनंद लें। ‘नो फ़ोन’ डाइनिंग का ट्रेंड धीरे-धीरे दुनियाभर के रेस्त्रां में जगह बना रहा है। रेस्त्रां, खाने के समय फ़ोन पर प्रतिबंध लगाकर यह लक्ष्य हासिल करना चाह रहे हैं। दिल्ली से लेकर टोक्यो तक यह ट्रेंड तेज़ी से बढ़ रहा है।
दिल्ली के एमकेटी रेस्त्रां का उदाहरण देखें। वहां मेहमान ‘मोबाइल अनप्लग्ड’ डील लेते हैं तो टेबल से उनके फ़ोन इकट्ठा करके डिब्बे में बंद कर दिए जाते हैं। मेहमान खाना खत्म करके, बिल चुकाने के बाद ही फ़ोन वापस ले सकते हैं। ज्यादातर होटल मालिकों को ‘कवर टर्नओवर’ में बढ़त दिख रही है। हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में इसका मतलब होता है कि एक ही टेबल पर दिनभर में कितने ग्राहक बैठ पाए।
इससे सीधे तौर पर उनका मुनाफ़ा बढ़ रहा है। ऐसा तब हो रहा है, जब यह साबित हो चुका है कि मेहमान खाने के साथ तस्वीरें और सेल्फ़ी लेकर सोशल मीडिया पर अपलोड करते हैं, तो रेस्त्रां की ब्रांडिंग होती है और बिक्री बढ़ती है। लेकिन अब भीड़ वाले मशहूर रेस्त्रां की बिक्री में बढ़ोतरी हो रही है क्योंकि उनके ग्राहक खाने की तस्वीरें खींचने में अपना वक्त बर्बाद नहीं कर रहे।
साल 2022 में, अमेरिका के टेक्सास में खुला, कटरीनाज़ नाम का इटालियन रेस्त्रां फ़ोन को बैन करके, अनोखे ढंग से पुराने दिनों को वापस ला रहा है। लंदन में ‘वाटरसाइड इन’ रेस्त्रां, बोर्ड लगाकर लोगों को खाने की तस्वीरें न खींचने को कह रहा है। सिंगापुर में मैक्डॉनल्ड, ‘फ़ोन ऑफ़, फ़न ऑन’ नाम का कैंपेन चला रहा है।
फंडा यह है कि दुनियाभर में रेस्त्रां कुछ प्रतिबंध लगाकर कोशिश कर रहे हैं कि ग्राहक तस्वीरें खींचकर पहले फ़ोन का पेट न भरें। यह अच्छा ट्रेंड है और होटल मालिकों को इसे अपनाना चाहिए।
Compiled: up18 News