बहुमुखी प्रतिभा के धनी लियोनार्दो दा विंची…

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कोई व्‍यक्ति बहुमुखी प्रतिभा का धनी हो ऐसी शख्सियत दुनिया में कम ही होती हैं लेकिन लियोनार्दो दा विंची ऐसी ही एक शख्सियत थे।

आपको जानकर हैरत हो सकती है कि वे पेंटर, इंजीनियर, वैज्ञानिक, गणितज्ञ, मूर्तिकार, डॉक्टर, आविष्कारक, भूगोल शास्त्री, संगीतकार, लेखक और वनस्पति विज्ञानी थे।

उन्‍होंने मोनालीसा की तस्वीर बनाकर खुद को और मोनालीसा को हमेशा के लिए अमर कर दिया। उनकी ये पेंटिग आज भी दुनिया की बेशकीमती पेंटिग है। इसकी बराबरी दुनिया की कोई और कलाकृति नहीं कर सकती। उनके बार में कहा जाता है कि वो अक्‍सर उलटा लिखते थे, जिसको पढ़ने के लिए शीशे की जरूरत पड़ी थी। 2 मई 1519 में इस महान शख्सियत ने दुनिया को अलविदा कहा था।

उनका जन्‍म 15 अप्रैल 1452 को इटली के विंची पहाड़ों में बसे कस्बे तुस्कान में हुआ था लेकिन उन्‍हें मां का प्‍यार नसीब नहीं हुआ था। जन्म के बाद लियोनार्दो को उनकी मां से अलग कर दिया गया। इसके बाद उनके पिता ने दूसरी महिला से शादी कर ली। विंची एक अमीर परिवार से ताल्‍लुक रखते थे। लेकिन वो जिस महिला से प्यार करते थे वो समाज के निचले तबके से आती थी।

लियोनार्दो के बचपन का काफी समय अपने चाचा के साथ बीता था। उनके पिता और दादा दोनों ही इटली के नामी वकीलों में गिने जाते थे। यही वजह थी कि वह अपने काम में ज्‍यादा व्‍यस्‍त रहते थे लेकिन इसका लियोनार्दो को कुछ फायदा जरूर हुआ है और अपने चाचा के साथ प्रकृति का जमकर मजा उठाया। अपने चाचा से विंची ने काफी कुछ सीखा। वो उन्‍हें प्रकृति के करीब ले जाते और विंची के अंजाने सवालों का जवाब देते थे। उन्‍होंने ही विंची को समाज राज्‍य धरती और प्रकृति के कई जटिल तंत्रों के बारे में बताया। इसके बावजूद घरवाले विंची को बेवकूफ ही मानते थे।

विंची जब बड़े हुए तो उनका परिवार इटली के मिलान शहर में बस गया। पिता को लगा कि यह जीवन में कुछ नहीं कर पाएगा, इसीलिए लियोनार्दो को एक पेंटर के पास काम सीखने भेज दिया गया। यहां से ही लियोनार्दो के मन में एक कलाकार का जन्‍म हुआ था। विंची ने जब पहली बार ऑएल पेटिंग का प्रयोग किया तभी कई कलाकारों ने उनके महान कलाकार बनने की भविष्यवाणी कर दी थी।

विंची के पेंटिंग्स में कई चीजों का समावेश होता था। वह किसी एक चीज पर ही टिककर नहीं रहते थे। आसमान में चहचहाते पक्षियों को देखकर उन्‍होंने हवाई जहाज का खाका तैयार किया था। उन्‍होंने घोड़ों और इंसानों की हूबहू प्रतिमाएं भी बनाई। विंची ने बताया कि किसी शरीर में दिल, यकृत और पेट कैसे काम करता है। वो मानते थे। हर चीज में एक अनुपातिक संबंध होता है।

-एजेंसियां


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