आगरा: ‘कोरोना संक्रमण के कारण जो माहौल बन गया है उसका सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ा है। कोरोना संक्रमण के कारण बच्चे घर में कैद होकर रह गए हैं और बच्चों की पढ़ाई भी ऑनलाइन ही हो रही है जिससे उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ने लगी है। ऐसे में बच्चों को भावनात्मक मनोबल बढ़ाने की जरूरत है’ यह कहना है जिला अस्पताल के मनोचिकित्सक ज्ञानेंद्र कुमार का। उनके पास इस तरह की समस्याएं लगातार आ रही हैं।
जिला अस्पताल के मनोचिकित्सक ज्ञानेंद्र कुमार का कहना है कि बच्चों को कोरोना संक्रमण के बारे में पूरी जानकारी दें। उनके साथ बैठे, बातें करें और खेल का भावनात्मक वातावरण बनाकर उसे कोरोना संक्रमण और उससे बचाव की जानकारी दें, साथ ही बच्चों को समझाएं कि अब कोरोना का टीका आ गया है जिसे लगाए जाने से कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है। जल्द ही बच्चों के लिए कोरोना का टीका आ जाएगा लेकिन तब तक हमें सावधानी बरतनी होगी।
ज्ञानेंद्र कुमार ने बताया कि इस तरह के बच्चों का मनोबल सिर्फ उनकी हॉबी के माध्यम से बढ़ाया जा सकता है। बच्चे की जिस खेल में रुचि है उसी को आधार बनाकर उसकी इस हॉबी को बढ़ाएं और खेल-खेल में ही उस बच्चे को कोरोना संक्रमण के भय से बाहर निकाले।
कोरोना के केस भी लगातार कम हो रहे हैं जिसके बाद सारी व्यावसायिक गतिविधियां चल उठी है। अब स्कूलों की भी बारी है। जब से ऑनलाइन क्लासेस शुरु हुई है बच्चों के अंदर स्कूल जाने की आदत भी छूट गई है। यह भी कोरोना के कारण हुआ है। इस समस्या से निजात पाने के लिए अभिभावकों को ही आगे आना होगा। उन्हें बच्चों को समझाना होगा कि उनका संपूर्ण विकास के स्कूल में ही हो सकता है।
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