भारत पहुंचा कोरोना का केपी 1 और केपी 2 वैरिएंट का संक्रमण, सिंगापुर में इसी ने मचाई है तबाही

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नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार, केपी1 और केपी2 भी कोरोना के जेएन1 वैरिएंट के उप-वैरिएंट हैं। हालांकि इस वैरिएंट से संक्रमित मरीजों में अभी बीमारी के गंभीर लक्षण नहीं दिखे हैं। सिंगापुर में कोरोना की नई लहर से दुनियाभर के देश चिंतित हैं। अब पता चला है कि सिंगापुर में कोरोना के जिस वैरिएंट ने तबाही मचाई हुई है, उसके मामले भारत में भी मिले हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस वेरिएंट में उत्परिवर्तन तीव्र गति से होता रहेगा और यह SARS-CoV2 जैसे वायरस का प्राकृतिक व्यवहार ही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक INSACOG निगरानी संवेदनशील है और किसी भी नए प्रकार के वेरिएंट को पकड़ने में सक्षम है और वायरस के कारण बीमारी की गंभीरता में किसी भी बदलाव का पता लगाने के लिए अस्पतालों से नमूने भी लिए जाते हैं।

किस राज्य में ज्यादा केस?

भारत में कोरोना के मामलों पर निगरानी रखने वाले इंडियन सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के डाटा से इस बात का खुलासा हुआ है। डाटा के अनुसार, भारत में कोरोना वैरिएंट केपी1 के 34 और केपी2 के 290 मामले सामने आए हैं।

डाटा के अनुसार, देश के सात राज्यों में केपी1 के मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल में 23 मामले मिले हैं। वहीं गोवा (1), गुजरात (2), हरियाणा (1), महाराष्ट्र (4), राजस्थान (2), उत्तराखंड (1) केपी1 संक्रमित मरीज मिले हैं। वहीं केपी2 से संक्रमित मरीजों की संख्या देश में 290 है, जिनमें से सबसे ज्यादा मरीज महाराष्ट्र में (148) पाए गए हैं। साथ ही दिल्ली (1), गोवा (12), गुजरात में (23), हरियाणा (3), कर्नाटक (4), मध्य प्रदेश (1), ओडिशा (17), राजस्थान (21), उत्तर प्रदेश (8), उत्तराखंड में (16) और पश्चिम बंगाल में 36 मरीजों का पता चला है।

सिंगापुर में मचा चुका हैं तबाही

बता दें कि सिंगापुर में इसी कोविड वेरिएंट के अब तक 25,900 अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें केपी.1 और केपी.2 सिंगापुर में दो तिहाई से अधिक मामले है।

केपी.1 और केपी.2 कोविड-19 वेरिएंट के एक ग्रुप से संबंधित हैं। वैज्ञानिकों ने उनके उत्परिवर्तन के तकनीकी नामों के आधार पर, ‘FLiRT’ उपनाम दिया है। FLiRT में सभी स्ट्रेन जेएन.1 वैरिएंट के वंशज हैं, जो ओमिक्रॉन वैरिएंट की एक शाखा है।