देश की दरगाहों के सज्जादानशीनों ने की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात, ऑपरेशन सिंदूर को बताया न्याय का प्रतीक

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नई दिल्ली। देशभर की प्रमुख दरगाहों के सज्जादानशीनों ने आतंकवाद को प्रश्रय देने वाले पाकिस्तान की कड़ी निंदा करते हुए उसे इस्लामी राष्ट्र की श्रेणी से बाहर करने की मांग की है। उन्होंने दो टूक कहा कि आतंकवाद का इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है और पाकिस्तान के कृत्य इस्लामी सिद्धांतों के खिलाफ हैं।

अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख के उत्तराधिकारी और ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के अध्यक्ष सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती के नेतृत्व में दरगाह प्रमुखों का एक प्रतिनिधिमंडल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू, और कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से नई दिल्ली स्थित उनके आवास पर मिला। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के लिए भारतीय सेना और केंद्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया।

1971 के बाद पहला ऐतिहासिक पल- यद नसीरुद्दीन चिश्ती

अजमेर दरगाह के उत्तराधिकारी सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि 1971 के युद्ध के बाद यह पहला मौका है जब भारत ने पाकिस्तान की सीमा के भीतर 100 किलोमीटर अंदर पनप रहे आतंकियों के अड्डे तबाह किए हैं। ऑपरेशन सिंदूर उन बहनों के सिंदूर का बदला है, जिन्हें आतंक ने उजाड़ा था। यह कार्रवाई भारत की पीड़ा और संकल्प की प्रतिध्वनि है।

हर नागरिक सिर्फ हिंदुस्तानी हैः दरगाहों का एक सुर में संदेश

प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों को उनके ठिकानों में जाकर मारकर भारतीय सेना ने पूरे देश को गौरवान्वित किया है। फतेहपुर सीकरी स्थित दरगाह हज़रत शेख सलीम चिश्ती के सज्जादानशीन पीरज़ादा अरशद फरीदी ने कहा, जब देश की अस्मिता की बात होती है, तब न कोई हिंदू होता है न मुसलमान, हर कोई सिर्फ हिंदुस्तानी होता है।

मोदी सरकार की नीतियों की सराहना

दरगाह प्रमुखों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीतिक इच्छाशक्ति और सेना की रणनीतिक क्षमता की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को घुटनों पर ला चुका है। अब भारत केवल सुनता नहीं, समय पर सटीक और निर्णायक जवाब देता है।

प्रतिनिधिमंडल में देशभर के प्रमुख सूफी सज्जादानशीन शामिल रहे

इस प्रतिनिधिमंडल में देशभर के प्रतिष्ठित सूफी दरगाहों के प्रमुख सज्जादानशीन शामिल थे। इस अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला भी उपस्थित रहे।

प्रतिनिधिमंडल में सम्मिलित प्रमुखों में शामिल हैं:

-गुलाम नजमी फारूकी, नायब सज्जादानशीन, दरगाह कमालुद्दीन साहब, झुंझुनू (राजस्थान)।

-अरशद फरीदी, सज्जादानशीन, दरगाह शेख सलीम चिश्ती, फतेहपुर सीकरी (उत्तर प्रदेश)।

-शाह अली ऐजाज़ कुद्दुसी साबरी, सज्जादानशीन, दरगाह मखदूम अली अहमद साबिर।

-सैयद अब्दुल कादर कादरी साहब, अथा-ए-हजरत मुसा कादरी, हैदराबाद।

-सैय्यद निज़ामुद्दीन खुसरो मियां, गद्दीनशीन, दरगाह मौलाना जियाउद्दीन साहब।

-सैयद मेहराजुद्दीन चिश्ती, संयुक्त सचिव, ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल।

-सूफी नसीर अख्तर, सज्जादा नशीन, दरगाह शरीफ सरकार सखी सरवर सुल्तान लाख दाता, पीर खाना बुड़ैल (चंडीगढ़)।

-शाह मोहम्मद वसीम मिया, सज्जादानशीन, दरगाह हज़रत सैयद गौहर अली साहब, बमुश्किल (उत्तर प्रदेश)।

-सैयद शाह ज़काउद्दीन हुसैनी साहब, सज्जादा नशीन, अस्ताना-ए-युसुफ़िया, अन्नामैया जिला (आंध्र प्रदेश), अध्यक्ष—AISSC आंध्र प्रदेश।

-सैय्यद अंजुम फरीद शाह, चिश्ती निज़ामी दरगाह, हज़रत ख्वाजा सैयद अब्दुर्रहमान शाह चिश्ती निज़ामी, अंबहेटा शरीफ (गुजरात)।

-जावेद खान, सांभर (जयपुर)।

-बबली परवीन, सचिव, ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल (महिला विंग)।

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