हिंडनबर्ग रिपोर्ट सामने आने के बाद देश के दिग्गज उद्योगपति गौतम अडानी के मुद्दे पर संसद से लेकर सड़क तक संग्राम मचा हुआ है। कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्ष इस मामले पर जेपीसी (Joint Parliamentary Committee) की मांग कर रही है। लेकिन सरकार ने आज इस मसले को निजी मुद्दा बताते हुए विपक्ष की इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया।
राज्यसभा में नेता सदन पीयूष गोयल ने नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की मांग का जवाब देते हुए कहा कि जेपीसी तब बैठती है जब आरोप सिद्ध होते हैं।
उन्होंने कहा कि इनकी तरह कोल गेट के घोटाले होते हैं, 2 जी स्कैम होता है। उन्होंने कहा कि जब सिक्योरिटी या सरकार पर आरोप लगता है तब बनती है जेपीसी। ऐसे आपकी मांग से निजी मामले में जेपीसी बैठने लगे तो कल तो जेपीसी ये भी तय करे कि खरगे ने जो स्कार्फ पहना है ये कहां से आया है? किसने इसके लिए पैसे दिए, कितने का स्कार्फ पहना है, इनकी वेल्थ कहां से आई। ये जेपीसी का मुद्दा नहीं हो सकता है। मुद्दों पर तथ्यों पर कोई आरोप सरकार पर लगाए, कोई बताए कि गलत काम किया है, तब जेपीसी बनती है।
Compiled: up18 News
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