‘सम्राट पृथ्वीराज’ बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप हुई है। 200 करोड़ रुपये के बजट में बनी यह फिल्म 12 दिनों में 63.50 करोड़ रुपये ही कमा पाई है। फिल्म की लाइफटाइम कमाई 75 करोड़ रुपये के आंकड़े को छू भी पाएगी या नहीं, इसको लेकर संशय है। बॉलीवुड के ‘खिलाड़ी’ अक्षय कुमार की 10 महीने में यह तीसरी फिल्म है, जो टिकट खिड़की पर धड़ाम हुई है।
भारत के आखिरी हिंदू राजा सम्राट पृथ्वीराज चौहान की जिंदगी पर बनी फिल्म का इस तरह पिटना फिल्म के डायरेक्टर डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी के भी गले नहीं उतर रहा। ऐसे में डायरेक्टर साहब का दर्द छलका है। वह कहते हैं कि उन्हें अभी भी समझ नहीं आ रहा है कि आखिर फिल्म की यह दशा क्यों हुई है।
यही नहीं, उन्होंने इस फिल्म की मेकिंग को लेकर कई खुलासे भी किए हैं। चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने कहा कि उन्होंने 18 साल पहले इस फिल्म की कहानी सनी देओल के लिए लिखी थी। वह फिल्म को प्रोड्यूस भी करने वाले थे, लेकिन तब बाजार ने उन्हें सपोर्ट नहीं किया।
‘सम्राट पृथ्वीराज’ में अक्षय कुमार के साथ मानुषी छिल्लर, सोनू सूद, संजय दत्त, मानव विज और आशुतोष राणा जैसे दिग्गज कलाकार हैं। फिल्म 3 जून को रिलीज हुई और पहले ही दिन से दर्शकों ने फिल्म से मुंह मोड़ लिया। सिनेमाघर में खाली सीटों को देखते हुए कई शोज भी कैंसिल करने पड़े। करीब 4 साल बाद डायरेक्शन की दुनिया में लौटे चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने आरोप लगाया है कि उनकी फिल्म को राजनीतिक तौर पर टारगेट किया गया है। वह कहते हैं, ‘मुझे बहुत अच्छा लगता अगर इतिहासकार इस फिल्म पर सवाल उठाते या अपनी कहानी कहते। अब क्योंकि आप मेरे हिसाब से कहानी नहीं सुनना चाहते और इसलिए इसे सिरे से खारिज कर रहे हैं, यह सरासर गलत है। इतिहास इस तरह से काम नहीं करता।’
समझ नहीं आ रहा लोगों को क्या प्रॉब्लम है
चंद्रप्रकाश द्विवेदी कहते हैं, ‘इतिहासकारों को अपनी बहस सिनेमाघर के बाहर करनी चाहिए। उनहें पहले फिल्म देखनी चाहिए। इसे धर्म और राजनीति से परे रखना चाहिए। यह फिल्म सिर्फ पृथ्वीराज के पराक्रम के बारे में नहीं है।’ फिल्म के रिव्यूज और रिएक्शन के बारे में बात करते हुए वह मानते हैं कि दर्शकों के मूड और उनकी परेशानी को समझने में वह नाकाम रहे हैं। वह कहते हैं, ‘हमने फिल्म को बड़े स्केल पर बनाया लेकिन लोगों को प्रॉब्लम हुई। यह अभी तक समझ नहीं आ रहा है कि उन्हें क्या परेशानी है। लेखकों ने अपना काम पूरी ईमानदारी से किया। हमने इतिहास के तथ्यों से कोई छेड़छाड़ नहीं की। हम अपनी इस जिम्मेदारी को बखूबी समझते हैं।’
अक्षय कुमार और मानुषी छिल्लर की कास्टिंग पर कही ये बात
‘सम्राट पृथ्वीराज’ की कास्टिंग को लेकर शुरुआत से ही सवाल उठते रहे हैं। अक्षय कुमार से 30 साल छोटी मानुषी छिल्लर को लीड रोल में कास्ट करने पर चंद्रप्रकाश द्विवेदी कहते हैं, ‘आप टीवी के पुराने आइकॉनिक सीरियल्स देखिए। वहां मेन लीड में जिनकी कास्टिंग हुई, वह भी असल किरदार से मेल नहीं खाते।
भगवान कृष्ण तो श्याम रंग के थे, लेकिन पर्दे पर उनका किरदार निभाने वाले ऐक्टर्स गोरे थे। पृथ्वीराज कपूर ने अकबर का रोल किया, लेकिन वह कहीं से अकबर जैसे नहीं दिखते। हर फिल्ममेकर अक्षय को अपनी नजरों से देखते हैं। यदि आपको फिल्म या उसका किरदार पसंद नहीं आया है तो ठीक है। लेकिन इसके लिए किसी तरह का आंदोलन छेड़ देना गलत है।’
हिंदू राजा पर फिल्म बनाई तो हंगामा हो गया: चंद्रप्रकाश द्विवेदी
‘सम्राट पृथ्वीराज’ की सोशल मीडिया पर आलोचना के बारे में बात करते हुए चंद्रप्रकाश द्विवेदी कहते हैं, ‘जब भी कभी किसी हिंदू वीर के बारे में बात की जाती है तो हंगामा हो जाता है। जब अकबर पर बात करते हैं तो उसके विरोध को गलत कहा जाता है। अबुल फजल जो कह दें वो सही, लेकिन चंदबरदाई जो कह दे तो वह गलत कैसे है? काव्य से एक कहानी मिलती है जिस पर फिल्म बनी है। इतिहास पर बहस करना इतिहासकारों का काम है। जो लोग राजनैतिक रोटियां सेकना चाहते हैं वे इसे विवादास्पद न बनाएं।’
-एजेंसियां