नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो गया। 20 दिसंबर तक चलने वाले इस सत्र में पांच नए विधेयक पेश होंगे, जबकि वक्फ (संशोधन) समेत 11 अन्य विधेयकों को चर्चा के लिए लिस्ट किया गया है। सरकार इन विधेयकों को इसी सत्र में पास कराने की कोशिश में है, लेकिन विपक्ष कुछ मुद्दों पर आक्रामक है और उससे पूरा सत्र हंगामेदार रह सकता है। यह सेशन कितना हंगामेदार रह सकता है, इसकी बानगी पहले दिन ही देखने को मिली, जब अडानी और संभल मुद्दे पर चर्चा के लिए कांग्रेस और सपा ने जोरदार हंगामा किया। इसके बाद सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई।
अडानी और संभल के मुद्दे पर पूरा विपक्ष एकजुट होकर चर्चा करने की मांग कर रहा है। विपक्ष लगातार सरकार पर अडानी को बचाने का आरोप लगा रहा है। शीतकालीन सत्र के पहले दिन के शुरुआती घंटे में इस मुद्दे पर जोरदार हंगामा हुआ और सदन को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा। 12 बजे के बाद जब कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस और सपा ने संभल मुद्दे पर चर्चा की मांग की। इसे लेकर दोनों दलों के सांसद नारेबाजी करने लगे। हंगामा देखकर संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। ऐसे में अब इस मुद्दे पर अगे भी जोरदार हंगामे के आसार हैं।
मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा तेज हो गई है। वहां के हालात बहुत खराब हैं। इस मुद्दे पर विपक्ष शुरू से ही पीएम पर हमला बोल रहा है। विपक्ष इस पर भी चर्चा चाहता है। इसे लेकर आगे हंगामे के आसार हैं।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शांत रहने की अपील की
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सांसदों से शांत रहने और कार्यवाही को सुगम तरीके से चलने देने में सहयोग देने की अपील की। लेकिन लोकसभा अध्यक्ष की अपील का हंगामा कर रहे सांसदों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। हंगामा बढ़ता ही जा रहा था। इसे देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लोकसभा की कार्यवाही 27 नवंबर 11 बजे दिन के लिए स्थगित कर दी। अब 29 नवंबर को 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू होगी। सोमवार को शीतकालीन सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री मोदी भी लोकसभा पहुंचे।
थोड़ा पश्चाताप करें: पीएम मोदी
संसद परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत की संसद से भी वो संदेश जाना चाहिए कि भारत के मतदाता उनका लोकतंत्र के प्रति समर्पण, उनका संविधान के प्रति समर्पण, संसदीय कार्य पद्धति पर विश्वास, संसद में बैठे हुए हम सबको जनता जनार्दन की भावनाओं पर खरा उतरना ही पड़ेगा। हम अब तक जितना समय गंवा चुके हैं उसका थोड़ा पश्चाताप करें, हम बहुत ही तंदुरुस्त तरीके से हर विषय के विभिन्न पहलुओं को संसद भवन में हम उजागर करें, आने वाली पीढ़ियां उसे पढ़ेगी और उससे प्रेरणा लेगी। पीएम ने कहा कि मैं आशा करता हूं कि ये सत्र से अनेक अच्छे परिणाम आएंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि मैं कामना करता हूं कि…
पीएम मोदी ने कहा कि मैं कामना करता हूं कि यह सत्र भारत की वैश्विक गरिमा को बल देने वाला हो, नए सांसदों को अवसर देने वाला हो, नए विचारों का स्वागत करने वाला हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2024 के आम चुनाव के बाद देश की जनता को अपने अपने राज्यों में अपनी भावना प्रकट करने का अवसर मिला है, उसमें भी 2024 के लोकसभा के चुनाव के नतीजों को और अधिक ताकत दी गई है, राज्यों के द्वारा और अधिक समर्थन बढ़ा है। लोकतंत्र की शर्त है कि हम जनता जर्नादन के व्यवहार का आदर करें। मैं आशा करता हूं कि हमारे नए साथियों को अवसर मिलेगा। उनके पास नए विचार हैं, भारत को आगे ले जाने की कल्पनाएं हैं।
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